कोरोना वायरस: एम्बुलेंस की कमी, पिता के शव को कार की छत पर बांधकर श्मशान पहुंचा बेटा

देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में मरीजों को ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बेड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही मरीज को अस्पताल ले जाने और शव को श्मशान ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, श्मशान में दाह संस्कार के लिए परिवार को 5-6 घंटे इंतजार करना पड़ता है
कोरोना वायरस: एम्बुलेंस की कमी, पिता के शव को कार की छत पर बांधकर श्मशान पहुंचा बेटा
Updated on

देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में मरीजों को ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बेड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही मरीज को अस्पताल ले जाने और शव को श्मशान ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, श्मशान में दाह संस्कार के लिए परिवार को 5-6 घंटे इंतजार करना पड़ता है। उत्तर प्रदेश के आगरा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।

व्यक्ति ने अपने पिता के शव को कार की छत पर बांध दिया और उसे श्मशान ले आया

दरअसल, एम्बुलेंस की कमी के कारण, मोहित नाम के एक व्यक्ति ने अपने

पिता के शव को कार की छत पर बांध दिया और उसे श्मशान ले आया। जब

मोहित अपने पिता की लाश को कार से बांध कर ले जा रहा था, तो देखने

वालों की आंखों से आंसू आ गए। श्मशान पहुंचने के बाद मोहित ने देखा कि

वहां का नज़ारा और भी चौंकाने वाला था।

क्योंकि कई लोग पहले ही दाह संस्कार के लिए आ चुके थे और कई घंटों तक इंतजार किया।

जब मोहित अपने पिता की लाश को कार से बांध कर ले जा रहा था, तो देखने वालों की आंखों से आंसू आ गए

कई घंटों के इंतजार के बाद, जब मोहित का नंबर आया और उसने पिता की लाश को कार की छत से ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया। बता दें कि आगरा में संक्रमितों की संख्या 600 को पार कर गई है। आगरा में कोई भी निजी अस्पताल वर्तमान में मरीजों की भर्ती नहीं कर रहा है।

आगरा के ताजगंज श्मशान में 20 घंटे से लगातार चिमनी चल रही हैं

खबर के मुताबिक, आगरा के ताजगंज श्मशान में 20 घंटे से लगातार चिमनी चल रही हैं। हर रोज कम से कम 50 शव अंतिम संस्कार के लिए यहां आते हैं। श्मशान में स्थिति ऐसी हो गई है कि शाम तक लोगों को दाह संस्कार के लिए 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।

कोरोना संक्रमण के कारण देश भर के अस्पताल फुल से चल रहे हैं, जिससे लोग इलाज के लिए काफी भटक रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि पांच में से चार मामले ऐसे हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि थोड़ी सतर्कता और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है, तो घर पर रहते हुए कोरोना संक्रमण को समाप्त किया जा सकता है।

Like and Follow us on :

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com