देश में जिस तरीके से कोरोना ने मातम मचा रखा है उससे भारत की वर्तमान स्थिति अत्यधिक दयनीय है
हम नजर डाले कोरोना के इन आकड़ो पर तो पिछले हफ्ते शनिवार को 19.5 लाख टेस्ट हुए।
\वहीं, सोमवार को घटकर 15 लाख रह गए। अब टेस्टिंग कम तो कोरोना के मामले भी कम।
कई राज्यों में उनमें फिर से बढ़ोतरी होने लगी है।
सरकार ने जिन 13 राज्यों में कोरोना के मामले कम होने का दावा किया था, वे हैं-
छत्तीसगढ़, दिल्ली, दमन और दीव, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड।
नए आंकड़ों से यह भी साफ है कि इन राज्यों में भी कोविड संक्रमण के मामले कम नहीं हुए हैं
और कई राज्यों में उनमें फिर से बढ़ोतरी होने लगी है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार को मामले घटने का धोखा कैसे हुआ? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने सिर्फ राज्यों में संक्रमण के नए मामलों पर नजर रखी, उसके मुकाबले टेस्टिंग घटने पर गौर नहीं किया। सरकार की ओर से जिन 13 राज्यों के लिए दावा किया गया, उनमें से उत्तर प्रदेश को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में कोरोना टेस्टिंग में गिरावट आई है।
दिल्ली में 28 अप्रैल को 81 हजार टेस्ट हुए थे, जो 3 मई को घटकर 61 हजार हो गए। इसी के साथ वहां 28 अप्रैल को आए करीब 26 हजार मामले भी 3 मई को घटकर 18 हजार हो गए। ये मामले 5 मई को बढ़कर फिर 21 हजार प्रतिदिन पर पहुंच गए हैं।
जिन राज्यों में टेस्टिंग में बड़ी कमी दर्ज की गई है, वे गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और तेलंगाना हैं। यहां टेस्टिंग के हिसाब से मामलों में भी कमी दिखी। यही वजह रही कि जब गुरुवार तक इन राज्यों में फिर से टेस्टिंग बढ़ी तो मामले भी बढ़ गए।