डेस्क न्यूज – हम आज आपको पुणे के रेड लाइट एरिया की बात बता रहे है जहा बुधवार को जिस्म बेचकर घर चलाने के लिए मजबूर एक सेक्स वर्कर अब अपने कमरे को पहले की तुलना में अधिक बार साबुन के पानी से धो रही है। यह महिला, जो अक्सर अपने खाली समय में दोस्तों से बात करती है, अब फोन पर दिखाई देती है। फोन में, यह उन चीजों को सीख रही है जो आने वाले समय में उनके काम आने वाली हैं। जैसे बात करना, अपने मोह की तरफ आकर्षित करना फोन, और स्ट्रिपिंग।
कोरोना वायरस लॉकडाउन खुल गया है, लेकिन देश के विभिन्न कोनों में घर बेचने के लिए मजबूर यौनकर्मियों के लिए समस्याएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। कोरोना का डर अभी भी बना हुआ है, इसलिए अब उनका काम पहले जैसा नहीं है।
ई-सेक्स ने अब सेक्स को बदल दिया है। इसमें क्लाइंट के साथ फोन पर नग्न तस्वीरें, वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। उत्तरी कोलकाता में एक रेड लाइट एरिया सोनागाछी की एक सेक्स वर्कर बताया है कि लॉकडाउन में अब ग्राहक की कीमत पर तय होता है कितना लेना है या नहीं।
उदाहरण के लिए, अगर कोई नग्न तस्वीरें मांगता है, तो उन्हें लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी में देखना होगा। कुछ सेक्स वर्कर जो परिवार के सदस्यों से गुप्त रूप से ये काम करते हैं, वह भी अब मुसीबत में शामिल हो गए थे। चोरी छिपे कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
किसी को सफेद रंग की साड़ी पहननी है और ग्रहाक को इस फरमाइशी साडी में उनको देखना है , किसी को गुप्त रूप से बोलना है इस तरह की फोन काल पर कई डिमांड रहती है। अब ऐसी कई परिस्थितिया आ गयी है। लॉकडाउन के बाद कई चैलेंज का उनको सामना करना पड़ रहा है साथ ही जो सबसे बड़ी सावधानी है वो उन्हें कोरोना महामारी के दौरान precautions..का ध्यान रखना है कोरोना का डर अभी भी बना हुआ है इसलिए अब उनका काम पहले जैसा नहीं रहा है।
क्या कोरोना संकट और सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में दुनिया का सबसे पुराना प्रोफेशन यानी सेक्स वर्क का पेशा चल पाएगा? यह सवाल दुनिया के कई देशों में उठ रहा है जहां यह कानूनी रूप से वैध भी है. विभिन्न देशों में लॉकडाउन में ढील मिलने के साथ ही अधिकारी इस बात लेकर भी चिंतित हैं कि इस कारोबार के नए नियम क्या होंगे. वहीं, स्विटजरलैंड के सेक्स वर्कर्स ने अपने कुछ नियम जारी किए हैं.
स्विटजरलैंड के सेक्स वर्कर्स का कहना है कि उन्होंने जो नियम बनाए हैं उनसे वेश्यालयों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है. बता दें कि इस अमीर देश में 1942 से ही सेक्स वर्क कानूनी है.
सरकार इसे रेग्युलेट भी करती है. करीब दो महीने पहले स्विटजरलैंड की सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सेक्स वर्क पर अस्थाई बैन लगा दिया था. अब नए नियम के साथ सेक्स वर्कर्स को उम्मीद है कि सरकार उन्हें दोबारा अनुमति देगी.
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