क्या पहला डोज कोवैक्सिन का और दूसरा कोवीशील्ड का ले सकते है…जानिए ऐसे ही सारे सवालों के जवाब ?

एक मई से सभी वयस्कों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। उम्मीद है कि इससे कोरोना की खतरनाक हो चुकी दूसरी लहर को थामने में कुछ हद तक मदद मिलेगी
क्या पहला डोज कोवैक्सिन का और दूसरा कोवीशील्ड का ले सकते है…जानिए ऐसे ही सारे सवालों के जवाब ?

क्या पहला डोज कोवैक्सिन का और दूसरा कोवीशील्ड का ले सकते है – एक मई से सभी वयस्कों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। उम्मीद है कि इससे कोरोना की खतरनाक हो चुकी दूसरी लहर को थामने में कुछ हद तक मदद मिलेगी। साथ ही भारत में बिगड़ती स्थिति से भी निजात मिलेगी। पर वैक्सीनेशन को लेकर कई ऐसे सवाल हैं जो बार-बार पूछे जा रहे हैं। अलग-अलग विशेषज्ञ इन सवालों पर कई बार जवाब दे चुके हैं। पर 16 जनवरी को भारत में टीकाकरण शुरू होने के बाद से यह सवाल अब भी पूछे जा रहे हैं।

आइए समझते हैं कि ये सवाल क्या हैं और इनके जवाब क्या हैं?

मैं 18+ हूं। क्या मैं सीधे अस्पताल पहुंचकर वैक्सीन लगवा सकता हूं?

क्या पहला डोज कोवैक्सिन का और दूसरा कोवीशील्ड का ले सकते है – नहीं। केंद्र सरकार ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। 18 से 44 वर्ष आयु समूह के लोगों को वैक्सीन लगवाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। साथ ही कुछ निजी हॉस्पिटल भी वैक्सीन लगा सकते हैं। पर सिर्फ उन लोगों को जिन्होंने आरोग्य सेतु ऐप पर या कोविन पोर्टल (https://selfregistration.cowin.gov.in/) पर रजिस्ट्रेशन कराया होगा। यह सुविधा 28 अप्रैल से शुरू हो गई है।

भारत में कौन-सी वैक्सीन लगाई जा रही है?

क्या पहला डोज कोवैक्सिन का और दूसरा कोवीशील्ड का ले सकते है – भारत में फिलहाल पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बनी कोवीशील्ड और हैदराबाद के भारत बायोटेक में बन रही कोवैक्सिन लगाई जा रही है। कोवीशील्ड को ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के साथ मिलकर बनाया है। वहीं, कोवैक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने बनाया है?

इसके अलावा भारत सरकार ने हाल ही में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V को भी मंजूरी दी है। यह वैक्सीन मई में उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसे भारत में डॉ. रेड्डी'ज लैबोरेटरी के साथ ही कुछ अन्य दवा कंपनियां बना रही हैं। किसी राज्य सरकार से रूसी वैक्सीन के लिए कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है।

भारत सरकार ने हाल ही में अमेरिका, जापान, UK, यूरोपीय संघ और WHO से मंजूर वैक्सीन को भी कुछ शर्तों के साथ इमरजेंसी अप्रूवल देने का फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार ने फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों से भी भारत में वैक्सीन उपलब्ध कराने की अपील की है। ये वैक्सीन भी मई-जून में भारत में उपलब्ध हो सकती हैं।

रजिस्ट्रेशन के लिए किन डाक्यूमेंट्स की जरूरत होगी?

पासपोर्ट साइज फोटो के साथ नीचे दी गई किसी भी ID के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।

  • आधार कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जॉब कार्ड
  • सांसदों / विधायकों / MLC को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • बैंक / डाकघर द्वारा जारी पासबुक
  • पासपोर्ट
  • पेंशन डॉक्यूमेंट
  • केंद्रीय / राज्य सरकार / सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान पत्र
  • वोटर ID

रजिस्ट्रेशन के बाद क्या होगा?

रजिस्ट्रेशन में ही आपको अस्पताल, उपलब्ध तारीख और अपॉइंटमेंट का समय चुनना होगा। इसके बाद आप के पास अपॉइंटमेंट बुक होने का मैसेज आएगा। फिर निर्धारित समय पर जाकर आप वैक्सीन का डोज ले सकते हैं। जिस ID का इस्तेमाल आपने रजिस्ट्रेशन में किया था, उसे साथ ले जाना जरूरी होगा।

क्या पहले और दूसरे डोज के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करना होगा?

नहीं। एक बार रजिस्ट्रेशन करने पर ही आपको संभावित तारीखों की सूचना दे दी जाएगी। उसका कंफर्मेशन आपको मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिलेगा।

मैं अपने मूल शहर से दूर हूं। क्या किसी और राज्य में वैक्सीन का डोज ले सकूंगा?

अगर आप 45+ हैं तो केंद्र सरकार की व्यवस्था के मुताबिक आपको देश के किसी भी वैक्सीन सेंटर पर डोज मिल जाएगा। पर 18-44 वर्ष के आयु समूह के लिए अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस आयु समूह को वैक्सीन डोज देने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। इस वजह से अलग-अलग राज्य में अलग-अलग इंतजाम हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पलायन करने वाले मजदूरों के साथ ही अपने मूल शहर से बाहर रह रहे लोगों को भी वैक्सीन लगाने की सुविधा मिलनी चाहिए। पर अभी राज्यों में पॉलिसी बन रही है। इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

अब तक मध्यप्रदेश, हरियाणा, नई दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जैसे 24 राज्यों ने तय किया है कि 18-44 वर्ष के नागरिकों को फ्री वैक्सीन दी जाएगी। पर इसमें मूल निवासी का नियम लागू होगा या नहीं, और बाहर के राज्यों के मूल निवासियों को यह सुविधा मिलेगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। एक-दो दिन में पॉलिसी स्पष्ट हो जाएगी।

इनमें से कौन-सी वैक्सीन ज्यादा बेहतर है?

दुनियाभर में इस्तेमाल की जा रही सभी वैक्सीन की कोरोना से बचाने की इफेक्टिवनेस अलग-अलग है। 66% से लेकर 95% तक। अच्छी बात यह है कि इन वैक्सीन को लगवाने के बाद अगर किसी व्यक्ति को इन्फेक्शन होता है तो वह गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंचता।

अलग-अलग इफेक्टिवनेस के लिए अलग-अलग समय और स्थानों पर हुए क्लिनिकल ट्रायल्स को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। पर अच्छी बात यह है कि ये सभी वैक्सीन गंभीर लक्षणों से बचाने में 100% इफेक्टिव हैं। इस वजह से विशेषज्ञों का कहना है कि जिन्हें भी मौका मिल रहा है, उन्हें वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।

क्या वैक्सीन के दो डोज बदले जा सकते हैं? यानी पहला डोज कोवैक्सिन का तो दूसरा कोवीशील्ड का?

नहीं। यह आपके लिए सुरक्षित नहीं होगा। अगर आप पहला डोज कोवैक्सिन का लगाते हैं तो दूसरा भी उसका ही लें। इसी तरह कोवीशील्ड के डोज लेने वाले दूसरा डोज भी उसका ही लें।

बच्चों को भी कोरोना हो रहा है, तो क्या उन्हें वैक्सीन लगेगी?

नहीं। फिलहाल बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल्स नहीं हुए हैं। इस वजह से उन्हें डोज देना सुरक्षित नहीं रहेगा।

क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान वैक्सीन लगवा सकती हैं?

हां। इसे लेकर साफ कहा गया है कि वैक्सीन का महिलाओं के पीरियड्स के दौरान शरीर में होने वाली प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।

इन लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए?

  • कोरोना की पहले डोज से आपको गंभीर एलर्जी हुई हो।
  • आप गर्भवती हों या आप स्तनपान करा रही हों।
  • आपको कोरोना के लक्षण हों।
  • आप अन्य किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो डॉक्टर की सलाह लें।

क्या वैक्सीन कोरोना के नए वैरिएंट पर भी प्रभावी होगी?

हां। कोवैक्सिन को लेकर ICMR का दावा है कि यह अब तक सामने आए सभी वैरिएंट्स पर प्रभावी है। वहीं, कोवीशील्ड को लेकर मतभेद हैं। हालांकि यह देखा गया है कि दोनों ही वैक्सीन कोरोना के सभी वैरिएंट्स के गंभीर लक्षणों से बचाने में इफेक्टिव हैं।

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