डेस्क न्यूज – Corona Vaccine Campaign भारत में शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण की शुरुआत की।
इसके बाद देश का पहला कोरोना टीका अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के एक स्वास्थ्य कर्मी मनीष कुमार को लगाया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन एक लाख 65 हजार 714 यानी 53 फीसदी लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी गई।
सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान के पहले दिन तीन लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था,
लेकिन यह टारगेट पूरा नहीं हो सका।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वैक्सीन लेने के बाद किसी को भी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी।
वैक्सीनेशन के लिए 3351 सेंटर बनाए गए थे।
इन वैक्सीनेशन सेंटर पर 16755 लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी।
वही देश में कोरोना टीके की सौगात देते वक्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे।
कोरोना काल के मुश्किल वक्त को याद कर पीएम की आंखें नम हो गईं और गला भर आया।
उन्होंने कहा कि जो हमें छोड़कर चले गए, उन्हें वैसी विदाई भी नहीं मिल सकी, जिसके वे हकदार थे।
एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है।
मन उदास हो जाता है, लेकिन साथियों संकट के उस वातावरण में निराशा के वातावरण में कोई आशा का भी संचार कर रहा था।
हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था।
उन्होंने कहा कि हमारे डाक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, आशा वर्कर्स, सफाई कर्मचारी उन्होंने अपने दायित्व को निभाया। अपने परिवार से दूर रहे।
कई-कई दिन तक घर नहीं गए।
सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं कि जो कभी घर वापस नहीं लौटकर नहीं आ पाए। उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया।
इसलिए कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है।
यह कृतज्ञ राष्ट्र की उनके लिए आदरांजलि भी है।
ऐसे हालात में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत को लेकर तमाम आशंकाएं जता रहे था।
उन्होंने कहा कि साथियों मानव इतिहास में कई आपदाएं आई, युद्ध हुए, लेकिन कोरोना ऐसी महामारी थी, जिसका अनुभव न तो साइंस को था, न सोसायटी को था।
जो खबरें आ रही थीं, वह पूरी दुनिया के साथ-साथ हर भारतीय को विचलित कर रही थी। ऐसे हालात में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत को लेकर तमाम आशंकाएं जता रहे था।