डेस्क न्यूज़ : कोरोना महामारी से पूरा भारत जूझ रहा है ऐसे में देश को जनप्रतिनिधियों की जरूरत है जो उन्हें साथ खड़े दिखे,कई नेता काम कर रहे है पर ज्यादातर छोटे बड़े नेता गायब ही है।
ऐसे वक्त में जयपुर ग्रेटर नगर निगम के वार्ड 58 के पार्षद इंद्र प्रकाश धाभाई विरले है।
वो कोरोना महामारी में न सिर्फ सुबह उठ घर घर घर जाकर सोडीयम हाइपो क्लोराइड का छिड़काव करवाते है बल्कि अब उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के संपूर्ण फण्ड को कोरोना महामारी के लिए सरकार को हस्तांतरित कर दिया है जो कि एक सार्थक पहल है और सभी जनप्रतिनिधियों के लिए एक नज़ीर भी है।
यह बात सच है कि कोरोना महामारी से कोई नही बच पा रहा हैं, किसी ने इससे अपने परिवार को खोया तो किसी ने अपनी नौकरी ।
कोई अपने परिवार के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर और बेड ढूढने के लिए मजबूर है तो कोई अपने परिवार का पेट भरने को मजबूर है।
जयपुर के ग्रेटर नगर निगम के वार्ड नं 58 के पार्षद इंद्रप्रकाश धाभाई ने इस मुश्किल समय मे अपने वार्ड के लोगो का दुख समझा और समय की ज़रूरत को देखते हुए महापौर ,जिला कलेक्टर और कई संबंधी अधिकारियों सहित CMHO को एक पत्र लिखा। जिसमे उन्होंने अपने वार्ड के लिए सरकार से अनुरोध किया है के जो 50 लाख रुपए की राशि जो उनके वार्ड को प्रगति कार्य के लिए स्वीकृत हुई है उससे लोगों के इलाज , राशन , टीकाकरण एवं मुफ्त दवाई वितरण में लगा दी जाए। क्योंकि समय की और लोगों की यही ज़रूरत है और वह अपने वार्ड की जनता के दुख और ज़रूरत से करीब से वाकिफ है और वहसरकार से विनती करते हुए कहे रहे है के लोगों की इस मुश्किल समय मे मदद की जाए और सरकार से जो उन्होंने दर्खास्त की है वहसमय रहत स्वीकार की जाए।
वह निरंतर अपने वार्ड मे सैनिटाइजेशन करवाते नज़र आ रहे है ।
हमारे देश में एक गरीब व्यक्ति सरकार पर पूर्ण तरीके से निर्भर होता है। वो सरकार को ही भगवान मानता है क्युकी उसे लगता है मुश्किल समय में सरकार उसके काम आएगी।
लेकिन इस समय पूरे देश में महामारी के प्रकोप दो देखकर ऐसा लगता है मानों देश में सरकार का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
देश में अस्पतालों की कमी है, अगर अस्पताल है तो उसमें बेड नहीं है, अगर बेड है तो वेंटीलेटर नहीं है, और मन लो वेंटिलेटर है तो ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं है।
कुल मिलाकर बात ऐसी है की हमारी सरकारों ने हमारे लिए कोई ऐसा एहम फैसला नहीं उठाया जिससे आम लोगों को, गरीब लोगो को फायदा हो।
चुनावों के समय जब कोई नेता वोट मांगने आता है तब न जाने क्यों लोगो के मन में कोई सवाल नहीं उठता।
शायद नेता लोग जिस तरह भाषण देते है ऐसा लगता है बस यही व्यक्ति है जो हर समस्या का निवारण कर सकता है। और चुनावों के बाद वो नेता सड़क पर गरीब और आम लोगों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े रहने के बजाय सिर्फ तस्वीरों में नज़र आते है। लेकिन कई नेता ऐसे भी होते है जो अपनी पहली प्रत्मिकता जनता की सेवा करना रखते है। ज़रूरी नहीं है वो नेता बड़ा है या छोटा। लेकिन ऐसे ही नेताओ की हमे ज़रुरत है, इन्ही कुछ नेताओं से हमारे देश की राजनीती ज़िंदा है। ऐसे ही नेता है जयपुर के ग्रेटर वार्ड संख्या 58 के पार्षद इंद्र प्रकाश धाबाई जिन्होंने देश की राजनीती को ज़िंदा रखने में अपना सहयोग दिया है।
इंद्र प्रकाश धाबाई ने अपने विकास फंड से 50 लाख रुपए, कोरोना महामारी राहत कोष में देने का फैसला किया है।
सीन्स इंडिपेंडेंस के साथ बातचीत में धाबाई जी ने बताया: मुझसे दिन प्रति दिन राजस्थान में कोरोना की भयावह स्तिथि और लोगों की लाचारी देखि नहीं जाती।
मुझे जिन्होंने अपने प्यार और आशीर्वाद से पार्षद बनाया आज वही लोग रोज़ मुझे कभी टीकाकरण, कभी अस्पताल में बेड, कभी ऑक्सीजन की कमी को लेकर फ़ोन करते है।
मुझसे उनकी ये परेशानी देखि नहीं जाती।
जितना मुमकिन होता है में उनकी मदद करने का प्रयास करता हु।
लेकिन जब में किसी की मदद नहीं कर पाता मुझे मेरी अंतर आत्मा धिक्कारती है।
में एक गरीब परिवार से हु , में गरीब की समस्या समझता हु।
इसीलिए मैंने हाल ही में नगर निगम द्वारा स्वीकृत विकास कार्य की राशि 50 लाख रुपए, जो पार्षद अनुशंषा से बार्ड के विकास में लगाई जानी है, उसको इस्तेमाल करके मेरे वार्ड में तेज़ गति से कोरोना टीकाकरण, दवाइयां, राशन वितरण, ऑक्सीजन सप्लाई आदि का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले नही पुहंच सकते लोगों के बीच उनके दुःख बांटने और उनकी मदद करने पर एक पार्षद पुहंच सकता है और क्योंकि वह उसके वार्ड कि जनता और उनके दुःख और ज़रूरत को भली भांति जानता है और यही सोच और विज़न दिखता है वार्ड नं 58 के पार्षद इंद्रप्रकाश धाभाई के पत्र मे जो उन्होंने लिखा और अपने लोगों की ज़रूरत को पूरा करने के लिए मांग की राजस्थान सरकार से।