डेस्क न्यूज़ – पेगासस जासूसी मामले से जुड़ी नौ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले सोमवार तक के लिए टाल दी गई है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि शिकायत की कॉपी अभी पढ़ी जा रही है। कॉपी पढ़ने के बाद ही आप अपना तर्क पेश कर पाएंगे। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
पेगासस पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ठीक 11 बजे शुरू हुई। चीफ जस्टिस एनवी रमन ने पूछा कि क्या कॉपी सरकार को दी गई है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यशवंत सिन्हा को छोड़कर सभी की कॉपी मिल गई है, अब हम अध्ययन कर रहे हैं, उसके बाद हम सरकार से निर्देश लेंगे, इसलिए शुक्रवार तक का समय दिया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें शुक्रवार को कुछ दिक्कत है, हम सोमवार को सुनवाई कर सकेंगे।
इस दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमन ने कहा कि जो भी याचिकाकर्ता हमारे सामने हैं, वह मामला हमारे सामने रखें। हमारे सवालों का जवाब दें। अगर आप केवल मीडिया या सोशल मीडिया पर बात करना चाहते हैं, तो यह अलग बात है। हम उम्मीद करते हैं कि आप समानांतर प्रक्रियाएं नहीं चलाएंगे। कुछ अनुशासन तो होना ही चाहिए। कपिल सिब्बल और अन्य वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश की बात से सहमति जताई। इस दौरान कपिल सिब्बल ने कैलिफोर्निया कोर्ट की कार्रवाई का भी जिक्र किया।
इस मामले में पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर से एसआईटी जांच की मांग को लेकर आवेदन दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड या सिटिंग जज की अध्यक्षता में SIT का गठन किया जाना चाहिए। इससे पहले 5 अगस्त को चीफ जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मामले की सुनवाई की थी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि इस मामले में आईटी एक्ट के तहत शिकायत क्यों दर्ज नहीं कराई गई? अगर आपको लगता है कि आपका फोन हैक हो गया है तो एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करा देते? मुख्य न्यायाधीश ने सभी याचिकाकर्ताओं से कहा कि आवेदन की एक प्रति केंद्र सरकार को भेजें ताकि कोई नोटिस लेने के लिए उपस्थित हो सके।
वहीं, पेगासस जासूसी मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने चुप्पी तोड़ी है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार का एनएसओ के साथ कोई लेन-देन नहीं हुआ है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित जवाब में कहा कि उनके मंत्रालय ने इजराइल की कंपनी के साथ कोई समझौता नहीं किया है और न ही उससे कोई सेवा ली है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले भी राज्यसभा में सरकार द्वारा एनएसओ की किसी भी सेवा से इनकार किया था।