पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग, देश की 500 से ज्यादा हस्तियों ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

पेगासस जासूसी मामले में देश की 500 से अधिक हस्तियों और संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की है। इन लोगों ने भारत में इजरायली कंपनी एनएसओ द्वारा पेगासस स्पाइवेयर की खरीद और इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग, देश की 500 से ज्यादा हस्तियों ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
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डेस्क न्यूज़- पेगासस जासूसी मामले में देश की 500 से अधिक हस्तियों और संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की है। इन लोगों ने भारत में इजरायली कंपनी एनएसओ द्वारा पेगासस स्पाइवेयर की खरीद और इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठाए हैं। पत्र के जरिए इन शख्सियतों और संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप कर खुद जांच करने की गुहार लगाई है। पत्र में पूछा गया है कि भारत में इस स्पाइवेयर को किसने खरीदा? इसका भुगतान किसने किया और इसे खरीदने के पीछे क्या उद्देश्य था?

इस आरोपों का किया जिक्र

पत्र में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले शीर्ष अदालत के एक अधिकारी के कथित जासूसी के मुद्दे का भी उल्लेख किया गया है। इन लोगों ने मीडिया रिपोर्ट्स पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल उद्योगपतियों, पत्रकारों, राजनेताओं, वकीलों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर नजर रखने के लिए किया गया था।

पत्र लिखने वाले लोगों के नाम

पत्र लिखने वालों में एक्टिविस्ट अरुणा रॉय, हर्ष मंदर, अंजली भारद्वाज, वकील वृंदा ग्रोवर, जूमा सेन, प्रतीक्षा बक्शी, शिक्षाविद व साइंटिस्ट जोया हुसैन, रोमिला थापर, लेखक अरुंधति राय, RJD सांसद मनोज झा, जर्नलिस्ट अनुराधा भसीन आदि शामिल हैं। इसके अलावा रिटायर सरकारी अधिकारी, रिटायर आर्म्ड फोर्स के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर हैं।

क्या हैं पेगासस जासूसी मामला?

गौरतलब है कि विदेशी मीडिया समेत कुल 16 संस्थानों ने एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कथित तौर पर भारत के 300 सत्यापित मोबाइल नंबरों की जासूसी की गई थी। यह पता चला था कि इस जासूसी के लिए इज़राइल के पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था। दावा किया जा रहा है कि एनएसओ के डेटाबेस से लीक हुई इस सूची में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, दो केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, रेल एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, व्यवसायी अनिल देशमुख, सीबीआई के पूर्व चीफ समेत करीब 40 नामी पत्रकारों के मोबाइल नंबर शामिल हैं। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उनके मोबाइल फोन हैक किए गए थे।

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