डेस्क न्यूज़- योग गुरु बाबा रामदेव जहां एलोपैथी पर अपने विवादित बयान के बाद लगातार सुर्खियों में हैं वहीं दूसरी ओर इस बयान को वापस लेने के बाद भी उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. एलोपैथी पर बयान के बाद रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राहत मांगी है।
रामदेव ने देश के अन्य राज्यों में दर्ज मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की है, इनके खिलाफ पटना और रायपुर में केस दर्ज किया गया है। साथ ही रामदेव ने इन मामलों में किसी भी कार्रवाई पर फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने की मांग की है।
इससे पहले रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने पिछले सप्ताह गुरुवार को बताया था कि पुलिस ने शहर के सिविल लाइंस थाने में रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उन्होंने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता (अस्पताल बोर्ड के अध्यक्ष) व अन्य की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है, उन्होंने कहा कि गुप्ता और अन्य पदाधिकारियों ने 26 मई को रामदेव द्वारा कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सा समुदाय और दवाओं को कथित रूप से गलत तरीके से पेश किया था, केंद्रीय महामारी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए, द्वेष की भावना से गलत सूचना फैलाना और आम जनता को बदनाम करना और स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल लोगों के जीवन को खतरे में डालने की शिकायत की गई थी।
उन्होंने बताया कि शिकायत में गुप्ता ने आरोप लगाया है कि पूर्व में भारत का पूरा चिकित्सा समुदाय, भारत सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, विभिन्न प्रमुख संस्थानों द्वारा निर्देशित और रामदेव द्वारा डेढ़ साल से अधिक समय से सोशल मीडिया पर कोरोना संक्रमण की दवा को लेकर दुष्प्रचार और धमकी भरे बयानों से वाले वीडियो प्रचारित हो रहे है।
उन्होंने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रामदेव की भ्रामक जानकारी और बयानों के कारण आधुनिक चिकित्सा के उपयोग से ठीक होने वाले 90 प्रतिशत से अधिक मरीज आशंका की स्थिति में आ जाएंगे और उनकी जान को खतरा होगा, इससे न केवल पूरा मेडिकल पैरामेडिकल वर्ग आंदोलित हो रहा है, बल्कि देश में विपरीत परिस्थितियों में लड़ने के लिए उन्हें हतोत्साहित भी कर रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुप्ता और एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों की शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।