न्यूज – चीन ने भारत से कहा कि कोरोना को चीन का वायरस ना कहें क्योंकि इससे देश को कलंक लग सकता है और इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग में हानिकारक होगा।
चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 78 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 74 मामले ऐसे हैं जो विदेशों से संक्रमण लेकर आए हैं,
मंगलवार को फोन पर बातचीत के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्षीय एस. जयशंकर से कहा कि चीन उम्मीद करता है कि चाइना वायरस कहने के संकीर्ण मानसिकता भारत विरोधी है।
चीन की सरकार ने बाद में कहा कि ऐसा हो सकता है कि यह सबसे पहले मध्य चीन में हुआ हो, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह वायरस वहीं से पैदा हुआ है.
चीन के राजनयिक दुनियाभर में कैंपेन चलाकर वहां की सरकारों को इस बात के लिए मना रहे हैं कि वे इसे 'चीन का वायरस' न बताएं।
चीन के भारत में तैनात राजदूत सुन वेईडोंग ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा- "वांग यी ने कहा कि वायरस को चीन का कहना यह अस्वीकार्य और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नुकसान पहुंचाने वाला और चीन को कलंकित करने वाला है, उम्मीद है कि भारत ऐसे संकीर्ण मानसिकता का विरोध करता है, डॉक्टर जयशंकर इस बात पर राजी हुए है कि इसे चीन का वायरस नहीं कहा जाएगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकता का एक मजबूत संदेश जाना चाहिए"
कोरोना को चीन का वायरस बताने पर लगातार बीजिंग में चीन का विदेश मंत्रालय जोरदार तरीके से विरोध करता रहा है और वह अमेरिका की तरफ से चीन का नाम लेने पर उसकी कड़ी आलोचना करता आ रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार (24 मार्च) को बताया कि कोविड-19 से सात और लोगों की मौत की बाद मृतकों की संख्या 3,277 हो गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने मंगलवार को बताया कि चीनी मुख्यभूमि पर सोमवार (23 मार्च) तक कुल 81,171 लोग संक्रमित थे, इनमें बीमारी से मरने वाले 3,277 लोग, अभी भी इलाज करा रहे 4,735 मरीज और सेहत में सुधार होने के बाद अस्पताल से जाने दिए गए 73,159 मरीज शामिल हैं।