न्यूज़- दुनिया का कोई भी देश कोरोना वायरस से अछूता नहीं है। विकसित देश लगातार कोरोना का सामना कर रहे हैं, लेकिन गरीब और छोटे देशों की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में सैकड़ों डॉक्टर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इसका मुख्य कारण पीपीई किट की कमी है। अगर जल्द ही बांग्लादेश को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए तो स्थिति और खराब हो सकती है। अब तक बांग्लादेश में 4,186 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें से 127 लोगों की मौत हो चुकी है।
बांग्लादेश डॉक्टर फेडरेशन (BDF) के अनुसार, गुरुवार तक 251 डॉक्टरों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। जिनमें से 200 डॉक्टर राजधानी ढाका के ही हैं। डॉक्टरों के एक समूह ने इसके लिए पीपीई किट की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। बांग्लादेश के बीआरएसी विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि कोरोना से चल रहे इस युद्ध में लगभग 25 प्रतिशत डॉक्टर और 60 प्रतिशत चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं, लेकिन अभी तक उन्हें पीपीई प्राप्त नहीं हुआ है। इसी समय, पीपीई किट की गुणवत्ता भी बहुत खराब है। ऐसी स्थिति में, डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों पर संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। BDF ने चिंता व्यक्त की कि बांग्लादेश की स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही अच्छी नहीं हैं, इसलिए यदि हम डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को छोड़ दें, तो मरीजों का इलाज कैसे होगा।
वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में रेडीमेड गार्मेंट बनाने वाली कंपनियों ने पीपीई किट बनाने शुरू कर दिए हैं, जिन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ये कंपनियां जो किट बना रही हैं, वो कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए कारगर नहीं हैं। बांग्लादेश मेडिकल फेडरेशन के मुताबिक डॉक्टरों के संक्रमित होने के बाद 11 अस्पतालों के आईसीयू और जनरल वार्ड को बंद कर दिया गया है।