लॉकडाउन में पैदल चल कर मजदूरों के पैरों में पड़ चुके है छाले, देखे

कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। 17 मई तक देशभर में लॉकडाउन-3 लागू है। मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने और आवागमन के साधन नहीं चलने के कारण मजदूर पैदल या साइकिल के जरिए घरों की ओर पलायन कर रहे हैं
लॉकडाउन में पैदल चल कर मजदूरों के पैरों में पड़ चुके है छाले, देखे

न्यूज़- कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। 17 मई तक देशभर में लॉकडाउन-3 लागू है। मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने और आवागमन के साधन नहीं चलने के कारण मजदूर पैदल या साइकिल के जरिए घरों की ओर पलायन कर रहे हैं, मगर इन प्रवासी मजदूरों की उम्मीदें बॉर्डर पर टूट रही हैं। रविवार को प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर पार करवाने को लेकर यूपी और राजस्थान पुलिस आमने-सामने हो गई।

इन्हें यूपी बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है। ऐसे में सैकड़ों मजदूरों ने भरतपुर के रारह गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में डेरा डाल रखा है। वहीं, बड़ी संख्या में मजदूर खुले आसमां नीचे रात गुजराने को भी मजबूर हो रहे हैं। हालांकि गांव के लोग बड़ी संख्या में मजदूरों को गांव में ठहराने के कारण कोरोना फैलने की आशंका जता चुके हैं।

बता दें कि राजस्थान का भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश सीमा से लगता है। लॉकडाउन के चलते राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में काम करने वाले मजदूर इन दिनों भरतपुर होते हुए बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश को पलायन कर रहे हैं।

कई किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करने से मजदूरों के पैरों के छाले पड़ गए हैं। खून बहने लगा है। रास्ते में स्वयं सेवी संस्थाएं इनकी मरहम पट्टी व भोजन का इंतजाम कर रही हैं। वहीं, भरतपुर जिला प्रशासन की ओर से मजदूरों को क्वारंटीन किया जा रहा है।

यूपी के गोंडा के हुसैन, बलिया के राजकुमार और इलाहाबाद के मानिकचंद ने बताते हैं कि राजस्थान में रहकर मजदूरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से बेरोजगार हो गए। खाने तक के पैसे नहीं होने के कारण घरों को लौट रहे हैं। यूपी के मजदूरों को आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्र के आधार पर सीमा में प्रवेश दिया जा रहा है।

भतरपुर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल के अनुसार राजस्थान-यूपी सीमा पर स्थित गांव रारह में इन दिनों करीब पांच सौ प्रवासी मजदूर पहुंच चुके हैं। इन्हें आगे प्रवेश नहीं मिलने के कारण रारह में ही क्वारंटीन किए जाने के साथ-साथ राज्य सरकार को पूरी स्थिति से अगवत करवाया गया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने पर इन्हें इनके राज्यों में भेजा जाएगा।

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