न्यूज़- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अपनी सैलरी से पीएम केयर्स फंड में 50,000 रुपये दान देना शुरू कर दिया है। यह रकम अगले 12 महीने तक कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए इस फंड में वे अपनी सैलरी से इसी तरह कटवाते रहेंगे। रक्षा सूत्रों के मुताबिक मार्च महीने में ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में लिखा था कि अगले एक साल तक उनकी सैलरी से 50,000 रुपये काट लिया जाए और उसे पीएम-केयर्स फंड में जमा कर दिया जाए।
रक्षा सूत्रों ने बताया है कि उनके खत के मुताबिक अप्रैल महीने में उनकी सैलरी से 50,000 रुपये की कटौती करके उसे कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के लिए बने फंड में जमा कर दिया गया है। बता दें कि जरनल रावत ने मार्च में इस फंड के बनने के फौरन बाद ही रक्षा सेवा के तमाम कर्मचारियों के साथ अपनी एक दिन की सैलरी उस फंड में दान के रूप में दिया था। अब रक्षा मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को यह विकल्प दिया है कि वे चाहें तो हर महीने एक दिन की सैलरी अगले एक वर्ष तक इस फंड में अपनी इच्छानुसार जमा कर सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि हर महीने 50,000 रुपये सैलरी से दान देने का जनरल रावत का फैसला बाकी वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों को भी कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से किया गया हो सकता है।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य और कोस्ट गार्ड के पूर्व प्रमुख राजेंद्र सिंह ने भी अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा पीएम-केयर्स फंड में दान के रूप में दिया है। इनके अलावा आर्मी हेडक्वार्टर के कई वरिष्ठ अधिकारीयों ने भी पीएम केयर्स फंड में योगदान दिया है। बता दें कि सीडीएस जनरल रावत कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में सुरक्षा बलों की ओर से अगुवाई कर रहे हैं और इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की हर बैठक में शामिल होते हैं और किसी भी स्थिति के लिए सेनाओं को तैयार रख रहे हैं। गौरतलब है कि सीडीएस खुद दिल्ली के नरेला स्थित क्वारंटीन सेंटर का भी दौरा कर चुके हैं और वहां की सुविधाओं और वाकी तैयारियों का जायजा ले चुके हैं।