उत्तरप्रदेश में चुनावी बिगुल बज चूका है वही दोनों पार्टीयो में मंत्रणा और कमर कसना शुरू कर दिया है। चुनाव से पहले मुख़्यमंत्री योगी आदित्ये नया कोई राजनितिक पैसा यहाँ फेक सकते है फ़िलहाल कांग्रेस भी यहाँ अपनी तैयारियों में जुटी है वही सत्ताधारी पार्टी BJP चुनाव से पहले योगी के कैबिनेट विस्तार और संगठन में बदलाव की तैयारी में है तो कांग्रेस अभी से प्रत्याशियों के चयन पर फोकस करने में जुट गई है।
सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक महीने के अंदर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने पूर्वांचल के 15 जिलों कांग्रेस अध्यक्षों से फोन पर बात की और चुनावी चर्चा भी की और कार्येकर्ताओ का मन भी टटोला। और सभी से जिले की ग्राउंड रिपोर्ट भी मांगी। जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए अच्छा काम करने वाले नेताओं की लिस्ट मांगी। 4-4 संभावित प्रत्याशियों के नाम भी मांगे, जो जिताऊ हों। कैंडिडेट्स में क्या-क्या खूबियां होनी चाहिए। इसके बारे में भी प्रियंका ने जिलाध्यक्षों को बताया।
50 से ज्यादा संभावित कैंडिडेट्स को तैयार रहने को कहा
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कोरोना का ये समय पार्टी के लिए अच्छा मौका लेकर आया है। लोग केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों से नाराज हैं। बेरोजगारी, गरीबी और लोगों की दिक्कतें बढ़ी हैं। ऐसे में लोगों का हमदर्द बनकर उसे वोट में आराम से कन्वर्ट किया जा सकता है। यही कारण है कि पार्टी की टॉप लीडरशिप की तरफ से 50 से ज्यादा संभावित कैंडिडेट्स को चुनाव की तैयारी करने का इशारा दे दिया गया है।
वही समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस सरकार में नौजवानों और समाज के शोषित वंचित तथा पिछड़े वगरे के हितों पर कुठाराघात हो रहा है। सपा मुखिया अखिलेश ने आज यहां बयान जारी कर कहा, "बंदरबांट में उलझी भाजपा सरकार से जनता को कोई उम्मीद नहीं बची है। कोरोना संक्रमण, जानलेवा ब्लैक फंगस के मंहगे इलाज में सरकार की लापरवाही, जीवन रक्षक दवाइयों के अकाल और ठप विकास कायरें के साथ हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार में गरीब, किसानों, नौजवानों और समाज के शोषित वंचित तथा पिछड़े वगरे के हितों पर कुठाराघात ही होता रहा है।"
उन्होंने कहा कि विफलता और गलत प्रबंधन के चलते यूपी भाजपा राज में आंकडे बताते है कि आबादी के हिसाब से टीकाकरण में यूपी पिछड़ा हुआ है। नीति आयोग के रिकार्ड में उत्तर प्रदेश को सबसे फिसड्डी राज्य का दर्जा मिला हुआ है। भुखमरी, गरीबी, भेदभाव और इंडस्ट्री तथ इंफ्रास्ट्रक्च र आदि सूचकांक रैंकिंग में राज्य बदहाल है।
अखिलेश ने कहा, "सच तो यह है कि भाजपा राज में बेकारी-बेरोजगारी रिकार्ड तोड़ रही है। मंहगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस सबके दाम आसमान छू रहे है। न मनरेगा में काम है, न स्किल मैपिंग का कहीं अता-पता है। व्यापार, कारोबार, दुकानदारी सब ठप है। लघु-मध्यम उद्योग बर्बाद हो रहे हैं।