न्यूज़- देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 4970 नए मामले सामने आए हैं जबकि 134 लोगों की मौत हो चुकी है।लेकिन विशेषज्ञों की माने तो पिछले 64 दिनों में 100 से 1 लाख कोरोना वायरस के मामलों तक पहुंचने में भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार संयुक्त राज्य अमेरिका और बिट्रेन की तुलना में धीमी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जनसंख्या के आधार पर देखे तो चाइना के बाद वर्ल्ड में जनसंख्या में मामले में भारत दूसरे नंबर पर हैं इसके बाजवूद भारत ने संक्रमण को तेजी से न फैलने देने पर काफी हद तक सफलता हासिल की हैं।
वर्ल्डमैटर जो एक इंटरनेशनल डेवलपर्स की टीम हैं जिनमें शोधकर्ता और अन्य लोग शामिल होते हैं उन्होंने एक ग्राफ साक्षा किया हैं। जिसमें पिछले 65 दिनों में भारत समेत अन्य कई कोरोनाप्रभावित देशों में कोरोना संक्रमण के 100 मरीजों से 1 लाख होने के बीच रफ्तार को दर्शाया गया हैं। जिसमें ये स्पष्ठ दिख रहा हैं कि अन्य देशों की तुलना में भारत में 100 केस से 1लाख तक कोरोना केस पहुंचने में धीमी गति रही जो कि एक सकारात्मक पहलू हैं।
विशेषज्ञों ने अपने रिसर्च में पाया कि जर्मनी, फ्रांस, यूके समेत अन्य देश जहां अत्याधुनिक और सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं इसके बावजूद भारत की तुलना में वहां 100 से एक लाख लोगों तक कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैला।वहीं यूएसए, स्पेन और जर्मनी में 25 से 35 दिन के अंदर 1 लाख से ऊपर लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए थे। इसके अलावा में एक लाख कोरोना मरीजों का आकड़ा इटली में 36 दिनों में और फ्रांस में 39 दिनों में और यूनाईटेट किंगडम में 42 दिनों में पार कर गया था। वहीं भारत में 65 दिनों बाद एक लाख कोरोना पॉजिटिव का मामला पहुंचा।
विशेषज्ञों की मानें ये तब हैं जबकि चाइना के बाद विश्व में सबसे अधिक पापुलेशन भारत में हैं और वहीं अमेरिका जनसंख्या के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। अमेरिका में 42 दिनों में ही कोरोना पॉजिटिव की संख्या एक लाख पार कर गई जबकि भारत अमेरिका की तुलना में मेडिकल इन्फ्रास्टकचर कमजोर होने के बावजूद कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाब भी हो रहा हैं। यहां तक कि भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम हैं। भारत में कोरोना संक्रमण से मरने वालों का प्रतिशत 3.2 हैं । ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के डाक्टर हर्षवर्धन ने 12 मई को दी थी।