न्यूज़- देश में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मध्य प्रदेश का इंदौर कोरोना से सबसे प्रभावित शहरों में से एक है। मंगलवार को इंदौर में एक मानवता को शर्मसार करने देने वाली घटना सामने आई है। एक परिवार अपने एक सदस्य के इलाज के लिए शहर के अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन किसी अस्पताल ने मरीज को एडमिट नहीं किया। जिसके बाद शख्स ने स्कूटी पर ही दम तोड़ दिया।
इंदौर में मरीमाता क्षेत्र निवासी 55 वर्षीय पांडुराव चांदवे करीब 8-10 दिन से बीमार थे, उन्हें सर्दी-जुकाम भी था। सोमवार को परिजन उन्हें लेकर एमवायएच की फ्लू ओपीडी में पहुंचे थे। परिजन का आरोप है कि एक्स-रे लिया व दवाइयां देकर उन्हें घर भेज दिया गया। परिजन मंगलवार को फिर एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, जब एंबुलेंस नहीं मिली तो इंदौर के पांडू राव चांदने को उनके बड़े भाई और पत्नी एक्टिवा में बिठाकर दो तीन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन कहीं उनका इलाज नहीं हुआ। एमवाय अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
मृतक के भाई ने बताया कि, एमवाय अस्पताल की पार्किंग से ही हमने सीएमएचओ को फोन कर बता दिया था कि कोरोना संदिग्ध व्यक्ति की मौत हुई है। हमसे वहां से कहा गया कि आप यह बात मैसेज कर दो। इसके बाद भी जब देर तक कोई नहीं आया तो हम शव घर ले आए और अंतिम संस्कार कर दिया। पांडू राव इंदौर के बड़वाली चौकी इलाके में रहते थे, घर में तीन बच्चे और पत्नी हैं, सीमेंट की दुकान में काम करते थे।
ऐसी दूसरी घटना राज्य के खंडवा में सामने आई। जिल के खड़कपुरा अग्रवाल धर्मशाला की गली में रहने वाले बुजुर्ग शेख हमीद की मंगलवार दोपहर को तबीयत खराब हुई थी। उन्हें सीने में दर्द और घबराहट की शिकायत हुई, जिसके बाद उनके पुत्र ने लगातार एम्बुलेंस 108 पर फोन लगाते रहे, लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची, इसके बाद पुत्र व अन्य परिजन बीमार बुजुर्ग को स्कूटी पर लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तबतक उनकी मौत हो गई।