इस देश में कम हुआ कोरोना का असर,नहीं रहा पहले जैसा घातक

कुछ समय पहले तक कोरोना वायरस ने इटली में कोहराम मचा रखा था। इटली के लोगों ने शायद ही कभी ऐसी त्रासदी देखी हो, जो उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के दौरान देखी है।
इस देश में कम हुआ कोरोना का असर,नहीं रहा पहले जैसा घातक

न्यूज़- कुछ समय पहले तक कोरोना वायरस ने इटली में कोहराम मचा रखा था। इटली के लोगों ने शायद ही कभी ऐसी त्रासदी देखी हो, जो उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के दौरान देखी है। लेकिन, अब कोरोना वायरस के कमजोर होने को लेकर इटली से ही एक बहुत ही अच्छी खबर आई है। वहां तीन महीनों से कोरोना वायरस के खिलाफ फ्रंटलाइन में रहकर संघर्ष करने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपनी रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि वहां कोरोना वायरस का असर खत्म होने लगा है और अब उस वायरस में वह दम नहीं रहा, जो इटली को आने वाली कई सदियों के लिए सबसे गहरा जख्म देकर गया है। हालांकि, इटली सरकार अभी भी लोगों से पूरी सावधानी बरतने को कह रही है।

करीब दो-ढाई महीने तक इटली में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने वाले वहां के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा है कि कोरोना वायरस अपनी क्षमता खोता जा रहा है और अब यह बहुत ही कम घातक रह गया है। एलबर्टो जैंग्रिल्लो ने कहा है कि 'सच्चाई में यह वायरस अब इटली में क्लीनिकली मौजूद ही नहीं है।' एलबर्टो इटली के मिलान शहर के उस रैफ्फेले अस्पताल के हेड हैं, जो इटली में कोरोना वायरस महामारी का सबसे बड़ा हमला झेल चुका है। उन्होंने राय टेलीविजन से कहा है, 'पिछले 10 दिनों में स्वैब्स का जो मात्रात्मक अनुपात में वायरल लोड देखा गया है, वह एक महीने या दो महीने पहले की तुलना में बहुत ही कम है।' गौरतलब है कि इटली में कोरोना वायरस के चलते 33,415 लोगों की मौत हो चुकी है और वह इस मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। वहां, कोरोना का पहला मामला 21 फरवरी को सामने आया था और देखते ही देखते इटली पूरी तरह से असहाय नजर आने लगी थी। इटली में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 2,33,019 है और वह दूनिया में छठे स्थान पर है।

तकरीबन ढाई महीने तक कहर बरपाने के बाद इटली में नए संक्रमण के मामलों और मौतों में मई महीने से तेजी से गिरावट दर्ज की गई। इसके बाद यहां लॉकडाउन से जुड़े सख्त नियमों में ढील दी गई है, जो कि यूरोप में सबसे ज्यादा कठोर था। एलबर्टो कहा कहना है कि कुछ एक्सपर्ट इंफेक्शन के दूसरे वेब की आशंकाओं को लेकर बहुत ही ज्यादा परेशान थे और राजनेताओं को नई सच्चाई को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा 'हम एक सामान्य देश के रूप में वापस आ गए हैं……….देश को आतंकित करने के लिए किसी को जिम्मेदारी लेनी ही होगी। '

एलबर्टो के अलावा उत्तरी इटली के एक और डॉक्टर ने भी वहां की एक राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एएनएसए से कहा है कि वह भी देख रहे थे कि कोरोना वायरस कमजोर पड़ता जा रहा है। इटली के जिनोआ शहर के सैन मार्टिनो अस्पताल के संक्रमणशील रोग क्लीनिक के हेड मैट्टियो बस्सेट्टी ने कहा है, 'दो महीने पहले वायरस की जो ताकत थी, वह वैसी नहीं थी, जो आज है।…………यह पूरी तरह स्पष्ट है कि आज कोविड-19 की बीमारी पूरी तरह से अलग है।'

हालांकि, इटली सरकार कोरोना वायरस पर इतनी जल्दी जीत की घोषणा करने से परहेज कर रही है। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय की अंडर सेकरेटरी सैंड्रा जाम्पा ने कहा है, 'वायरस गायब हो चुका है इस विचार के समर्थन में वैज्ञानिक तथ्य आने लंबित हैं…….मैं उन्हें आमंत्रित करना चाहूंगी जो इसको लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं, न कि इटली के लोगों को भ्रमित करने के लिए। ' उन्होंने कहा कि इसके बदले हमें इटली के लोगों को बहुत ही ज्यादा सावधानी बरतने, शारीरिक दूरी बनाए रखने, भीड़ से दूरी बनाने और लगातार हाथ धोने और मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

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