तमिलनाडु सरकार का 1 दिन में 90 हजार कोरोना परीक्षण करने का फैसला,देश में मिले 1.60 लाख से ज्यादा मरीज

देश में अब तक करीब 1.37 करोड़ लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 1.22 करोड़ ठीक हो चुके हैं, 1 लाख 71 हजार 89 ने जान गंवाई है।
तमिलनाडु सरकार का 1 दिन में 90 हजार कोरोना परीक्षण करने का फैसला,देश में मिले 1.60 लाख से ज्यादा मरीज

देश में कोरोना की रफ्तार डराने वाली है।

सोमवार को 1 लाख 60 हजार 694 नए मरीज मिले।

96,727 ठीक हुए और 880 की मौत हो गई।

यह लगातार दूसरा दिन था जब नए मरीज,

1 लाख 60 हजार से ज्यादा मिले।

एक दिन पहले रविवार को 1 लाख 59 हजार 914 ,

मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

देश में अब तक करीब 1.37 करोड़ लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।

इनमें से 1.22 करोड़ ठीक हो चुके हैं।

1 लाख 71 हजार 89 ने जान गंवाई है।

एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में इस,

महीने 11 दिन में ही 6 लाख 78 हजार 519 की बढ़ोतरी हुई है।

1 अप्रैल को 5 लाख 80 हजार 387 एक्टिव केस थे,

जो अब बढ़कर 12 लाख 58 हजार 906 हो गए हैं।

सोमवार को इसमें 62,946 का इजाफा हुआ।

आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या 90,000 से कम नहीं होनी चाहिए।

वही :तमिलनाडु ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कमर कस ली है। राज्य सरकार ने कोरोना मामलों का पता लगाने के लिए रोजाना कम से कम 90,000 आरटी-पीसीआर परीक्षणों को सुनिश्चित करने का फैसला किया है।

अस्पतालों को मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार द्वारा घोषित एसओपी का पालन करना चाहिए।

यहां सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई चिकित्सा विशेषज्ञों की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि खासतौर पर कोविड से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आक्रामक तरीके से अधिक से अधिक परीक्षण किए जाएं।

संक्रमित व्यक्तियों के 25-30 संपर्कों का पता लगाने के साथ ही बुखार शिविर (फीवर कैंप) जैसे कदम उठाने का फैसला भी लिया गया है।

यहां जारी एक बयान में, सरकार ने कहा कि प्रति दिन आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या 90,000 से कम नहीं होनी चाहिए।

एक कदम सख्ती की और..

सरकार ने यह भी कहा कि ऐसे 25 से 30 व्यक्ति, जो कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, उनका पता भी लगाया जाना चाहिए।

बैठक के दौरान कहा गया है कि अगर तीन व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाते हैं तो वहां गलियों से लेकर आवासीय अपार्टमेंटों में माइक्रो-कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाए।

इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार द्वारा घोषित एसओपी का पालन करना चाहिए।

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