ऑक्सीजन की कमी पर कोर्ट सख्त: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा- इंडस्ट्रीज ऑक्सीजन सप्लाई का इंतजार कर सकती हैं, कोरोना के मरीज नहीं

कोरोना के बीच ऑक्सीजन की कमी के बारे में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा है कि उद्योग ऑक्सीजन की आपूर्ति का इंतजार कर सकते हैं, कोरोना के मरीज नहीं। अभी मानव जीवन दांव पर है। कोर्ट ने यह आदेश कोरोना टेस्टिंग से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया
ऑक्सीजन की कमी पर कोर्ट सख्त: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा- इंडस्ट्रीज ऑक्सीजन सप्लाई का इंतजार कर सकती हैं, कोरोना के मरीज नहीं
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कोरोना के बीच ऑक्सीजन की कमी के बारे में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा है कि उद्योग ऑक्सीजन कि आपूर्ति का इंतजार कर सकते हैं, कोरोना के मरीज नहीं। अभी मानव जीवन दांव पर है। कोर्ट ने यह आदेश कोरोना टेस्टिंग से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।

अदालत ने कहा कि यह सुना गया है कि गंगा राम अस्पताल में ऑक्सीजन कि कमी के कारण कोरोना के रोगियों को दी जा रही ऑक्सीजन को कम करने के लिए वहां के डॉक्टरों पर दबाव डाला जा रहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि ऐसी कौनसी इंडस्ट्रीज हैं जिन्हें ऑक्सीजन सप्लाई कम नहीं की जा सकती?

सरकार ने कहा- दिल्ली में 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाएंगे

सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार ने अपनी राय देते हुए कहा कि 22

अप्रैल से औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन के उपयोग पर

प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन कुछ उद्योगों को इससे बाहर रखा

गया है। सरकार ने यह भी बताया कि दिल्ली में चिकित्सा ऑक्सीजन कि आपूर्ति बढ़ाने के लिए,

पीएम केयर फंड के माध्यम से 8 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने की योजना है।

वहीं, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 1,390 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं।

मेडिकल ऑक्सीजन क्या है?

कानूनी रूप से यह एक आवश्यक दवा है जो 2015 में जारी की गई आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है। इसे स्वास्थ्य के तीन स्तरों – प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक के लिए आवश्यक घोषित किया गया है। यह डब्ल्यूएचओ की आवश्यक दवाओं की सूची में भी शामिल है। उत्पाद स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन का मतलब 98% शुद्ध ऑक्सीजन से है, जिसमें नमी, धूल या अन्य गैसों जैसी कोई अशुद्धियाँ नहीं होती हैं।

भारत में दैनिक चिकित्सा ऑक्सीजन की खपत 1000-1200 मीट्रिक टन थी, जो 15 अप्रैल तक बढ़कर 4,795 मीट्रिक टन हो गई

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, कोरोना महामारी से पहले, भारत में दैनिक चिकित्सा ऑक्सीजन कि खपत 1000-1200 मीट्रिक टन थी, जो 15 अप्रैल तक बढ़कर 4,795 मीट्रिक टन हो गई। ऑल इंडिया इंडस्ट्रियल गैसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक 12 अप्रैल तक देश में मेडिकल यूज के लिए रोज 3,842 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई हो रही थी।

तेजी से बढ़ती मांग के कारण ऑक्सीजन कि आपूर्ति में भारी समस्या हो रही है

तेजी से बढ़ती मांग के कारण ऑक्सीजन कि आपूर्ति में भारी समस्या हो रही है। देश भर में वितरकों से तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए केवल 1200 से 1500 क्रायोजेनिक टैंकर उपलब्ध हैं। यह महामारी की दूसरी लहर तक पर्याप्त था, लेकिन अब प्रतिदिन 2 लाख रोगियों की उपस्थिति के कारण टैंकर कम पड़ रहे हैं।

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