कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद 14 दिन तक क्वारंटीन में रहने वाले लोगों को क्या निगेटिव रिपोर्ट के लिए दोबारा कोरोना जांच करानी जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 14 दिन का क्वारंटीन पूरा करने के बाद हल्के और सामान्य लक्षण वालों को जांच की जरूरत नहीं है। बशर्ते तीन दिन पहले बुखार नहीं होना चाहिए।
मुंबई के चीफ इनटेनसिविस्ट डॉ. संदीप पाटिल बताते हैं कि कई अध्ययनों
के अनुसार वैज्ञानिकों का दावा है कि हल्के सा सामान्य लक्षण वाले मरीजों में
वायरस सातवें या आठवें दिन मर जाता है।
इस दौरान किसी दूसरे को भी संक्रमण नहीं फैलता है,
लेकिन शरीर में मृत वायरस की मौजूदगी का पता आरटी-पीसीआर से चल जाता है जिसके कारण रिपोर्ट पॉजिटिव बनती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हल्के, सामान्य और शुरुआती लक्षण वाले
मरीजों को लक्षण आने के दस दिन बाद डिस्चार्ज कर सकते हैं।
बशर्ते आखिरी के तीन दिन लगातार बुखार न हुआ हो।
ऐसे मामलों में मरीज को डिस्चार्ज से पहले आरटी-पीसीआर जांच की आवश्यकता नहीं है। डॉ. पाटिल बताते हैं कि ऐसे मरीजों को सावधानी के तौर पर खुद को और सात दिन तक आइसोलेट रखने के साथ खुद पर निगरानी करते रहना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण के कारण गंभीर अवस्था में जाने वाले मरीज तभी डिस्चार्ज होगा जब वो पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहा है। साथ में निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जरूरी है। डिस्चार्ज के वक्त कोई लक्षण नहीं होना चाहिए।
केजीएमयू के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉ. वेद प्रकाश बताते हैं कि हल्के या सामान्य लक्षण वाले मरीजों को औसतन स्वस्थ होने में चौदह दिन का वक्त लगता है। गंभीर संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों को थोड़ा अधिक समय लग सकता है। पूरी तरह स्वस्थ होने में हर व्यक्ति को अलग-अलग समय लग सकता है।
लखनऊ के लोहिया संस्थान के फिजिशियन डॉ. संदीप चौधरी बताते हैं कि अस्पताल से छुट्टी या होम आइसोलेशन के बाद भी व्यक्ति को मास्क और सामाजिक जैसे नियमों का पालन करना चाहिए। शरीर भले ही वायरस मुक्त हो गया हो लेकिन उसकी वजह से जो कमी हुई है उसे ठीक होने में वक्त लगेगा