न्यूज़- कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। 24 मार्च से देश में लॉकडाउन का ऐलान किया गया, जिसे बढ़ाकर 3 मई तक के लिए कर दिया गया है। ऐसे में लॉकडाउन की वजह से तमाम कामकाज पूरी तरह से ठप हैं। लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब-किसानों पर पड़ा है। दरअसल लॉकडाउन के चलते सब्जी और अनाज की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिसकी वजह से खेत में सब्जियों सड़ रही हैं और किसान खरीफ की फसल की बुआई के लिए खेत जो जोतने के लिए मजबूर हैं।
लॉकडाउन की वजह से सब्जियों व अनाज की मांग में तकरीबन 30 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। एक तरफ सब्जियों की बिक्री नहीं हो रही है तो दूसरी तरफ खरीफ की फसल का समय आ रहा है, जिसके चलते किसान खेत में सब्जी होने के बावजूद भी इसकी जुताई करने के लिए मजबूर हैं। खरीफ की फसल की बुआई का समय अगले दो हफ्तों में शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन के चलते तमाम रेस्टोरेंट, होटल बंद हैं, किसी तरह के सांस्कृति, सामाजिक कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं, जिसकी वजह से सब्जी की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को खेत में जाने की अनुमति नहीं थी और वह फल व सब्जियों की कटाई नहीं कर सके। मंडियों के बंद होने, ट्रांसपोर्ट साधनों के बंद होने का सीधा असर किसानों पर पड़ा। वेजिटेबल ग्रोवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्रीराम खड़वे ने बताया कि किसानों में 30 फीसदी रबी की फसल को खेत में ही छोड़ दिया, मांग कम होने की वजह से इसकी कटाई ही नहीं की गई, ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से हालात और भी ज्यादा खराब हो गए। मजदूरों की अनुपस्थिति में फसल की कटाई नहीं हो सकी। लेकिन अब किसान खरीफ की फसल के लिए खेत में जोताई कर रहे हैं। किसान जल्द से जल्द खेत को खाली करना चाहते हैं ताकि वह खरीफ की फसल बो सकें। इस बार अनुमान है कि मानसून सामान्य रहेगा, यही वजह है कि किसान इसका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं। सामान्य तौर पर खरीफ की फसल में सब्जियों के बीच मई माह के बीच में ही बोए जाते हैं। किसान अप्रैल माह में ही खरीफ फसल के लिए खेत को तैयार करने लगते हैं।
खरीफ फसल की बुआई के लिए अधिक गर्मी और नमी की जरूरत होती है। यह फसल शुष्क वातावरण में पक जाती है। यही वजह है कि मई माह में इस फसल को बोया जाता है और सितंबर-अक्टूबर माह में इसे काटा जाता है। खरीफ फसल में मुख्य रूप से धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, कपास, सोयाबीन, जूट आदि आती हैं। जबकि रबी की फसल की बुआई कम तापमान में होती है, यह फसल शुष्क और गर्म मौसम में पकती है, लिहाजा इस फसल को अक्टूबर-नवंबर माह में बोया जाता है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई की जाती है। इसकी मुख्य फसल सरसो, जौ, मटर, राई, आलू, चना आदि होती है।