डेस्क न्यूज़ – राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक शर्मनाक और अपमानजनक मामला सामने आया है। अस्पतालों के चक्कर लगा रही एक गर्भवती महिला ने एंबुलेंस मौत को गले लगा लिया। मृत महिला के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि आठ अस्पतालों की यात्रा के बाद भी उन्हें इलाज नहीं मिला और एंबुलेंस में ही उनकी मौत हो गई।
30 साल की नीलम को आठ महीने का गर्भ था। उनके पति विजयेंद्र सिंह उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। वह अपनी पत्नी के साथ इलाज के लिए लेबर पेन से पीड़ित 13 घंटे तक लगातार सड़कों पर भटकते रहे। इस दौरान उन्होंने 8 अस्पतालों के दरवाजे खटखटाए, लेकिन किसी ने उनकी देखभाल नहीं की और नीलम ने ग्रेटर नोएडा में एक एम्बुलेंस में दम तोड़ दिया।
नोएडा के खोड़ा गांव की रहने वाली नीलम का नोएडा के शिवालिक अस्पताल में इलाज चल रहा था। नीलम के पति का आरोप है कि शुक्रवार को इस अस्पताल ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया और उसे दूसरे अस्पताल जाने के लिए कहा। वह पहली बार पत्नी नीलम के साथ ईएसआई अस्पताल गए थे। उसके बाद पीजीआई, फोर्टिस, मैक्स, जेपी और शारदा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सभी ने भर्ती करने से इनकार कर दिया और बिस्तर न होने का हवाला दिया। आखिरकार, उन्हें जीआईएमएस में वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन इससे पहले ही एंबुलेंस में नीलम की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल होने और यह पता चलने के बाद, गौतम बुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई ने जांच के आदेश दिए हैं। एडीएम मुनींद्र नाथ उपाध्याय और सीएमओ दीपक ओहरी मामले की जांच करेंगे।