डेस्क न्यूज़ – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने पिछले 15 कार्य दिवसों के भीतर 10 लाख से अधिक दावों का निपटान किया है। इन दावों का निपटान करते हुए, ईपीएफओ ने खाताधारकों के बैंक खाते में 3600 करोड़ से अधिक जमा किए हैं। इसके अलावा, कोरोना वायरस के जोखिम के कारण सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के साथ पीएफ खाते से धनराशि निकालने के लिए सरकार द्वारा दी गई छूट के तहत 6.06 लाख दावे किए गए थे, जिसके तहत ईपीएफओ ने 1954 करोड़ रुपये का वितरण किया है। बता दें कि कोरोना संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 26 मार्च को जरूरतमंदों की मदद के लिए PMGKY शुरू किया था। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को निश्चित शर्तों के साथ पीएफ खाते से धन निकालने की छूट दी गई थी।
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा तालाबंदी की घोषणा की गई थी। इस दौरान सरकार ने कर्मचारियों को वित्तीय बाधाओं से उबारने के लिए निर्धारित शर्तों के साथ पीएफ खाते से पैसे निकालने की अनुमति दी थी। इसके तहत मूल और डीए एक साथ, तीन महीने का वेतन या पीएफ खाते में जमा राशि का 75%, जो भी कम हो, किसी कर्मचारी द्वारा खाते से निकाला जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे ज्यादा क्लेम तीन कंपनियों द्वारा किए गए। इसमें Neyveli Lignite Corporation (84.4 करोड़), Tata Consultancy Services (43.3 करोड़) और Visakhapatnam Steel Plant (40.9 करोड़) शामिल हैं।
श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, ईपीएफओ ने कोरोना महामारी के कारण लगभग 90 प्रतिशत दावों को 3 दिनों के लिए सुलझा लिया। बता दें कि खाताधारकों को निकाले गए पैसे वापस करने की कोई जरूरत नहीं है।