न्यूज़- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपनी प्रेस वार्ता में सरकार के आर्थिक पैकेज में भारतीय अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों को लिए किए गए फैसलों की जानकारी दी है। वित्तमंत्री ने बताया है कि निवेश बढ़े इसके लिए सरकार नीतियों में बदलाव करेगी। उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक निवेश के लिए रास्ता बनाने के लिए हर मंत्रालय में एक प्रोजेक्ट डेवलेपमेंट सेल होगा। ये सेल निवेश के लिए बेहतर संभावनाओं को देखते हुए निवेशक और सरकार (राज्य और केंद्र) के बीत समन्वय करने का काम करेगा।
वित्तमंत्री ने औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि आम बुनियादी सुविधाओं और कनेक्टिविटी को बेहतर करते हुए ये काम किया जाएगा। इसको राज्यों के जरिए जमीन पर उतारा जाएगा और औद्योगिक क्लस्टर तैयार किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने ऐलान किया है कि रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' बिल्कुल अपरिहार्य है। सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट अधिसूचित करेगी, जिनके आयात को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का निगमीकरण उनके कामकाज में सुधार के लिए किया जाएगा। कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा।
करीब 50 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए नियमों में ढील दी जाएगी। कोयला से गैस बनाने के लिए नए आवंटन किए जाएंगे और उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा पीपीपी मॉडल से 6 हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा, 6 और हवाई अड्डों की तीसरे दौर में नीलामी होगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा, हम आज 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं। कोयला, खनिज रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा। कई क्षेत्रों में नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को यह समझना सरल हो कि इस क्षेत्र से क्या मिल सकता है, लोगों की भागेदारी बढ़े और पारदर्शिता आ सके। हम ऐसा करके किसी क्षेत्र के विकास और नौकरियों को बढ़ावा दे सकते हैं।