financial effect on STARTUP : कोरोना ने देश के 70% स्टार्टअप को किया संक्रमित

इंडस्ट्री संगठन फिक्की और इंडियन एंजेल नेटवर्क (आईएएन) के एक सर्वे के अनुसार कोरोना संकट के चलते देश में स्टार्टअप की हालत खराब, केवल 22 फीसदी के पास ही कैशफ्लो
financial effect on STARTUP : कोरोना ने देश के 70% स्टार्टअप को किया संक्रमित

डेस्क न्यूज़ – कोरोना संकट के कारण देश में लगभग 70 प्रतिशत स्टार्टअप खराब स्थिति में हैं। कोरोना संकट के कारण देश के 17 प्रतिशत स्टार्टअप बंद हो गए हैं। उद्योग संगठन फिक्की-आईएएन के एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

60% स्टार्टअप कर रहे मुश्किलों का सामना

यह उद्योग चैंबर फिक्की और इंडियन एंजेल नेटवर्क (आईएएन) के सर्वेक्षण 'इंडियन STARTUP पर कोविद -19 के प्रभाव' के परिणामों से पता चला था। सर्वेक्षण के अनुसार, 33 प्रतिशत STARTUP ने कोरोना संकट के कारण अपने निवेश के फैसले को रोक दिया है और 10 प्रतिशत ने कहा है कि उनके सौदे खत्म हो गए हैं। इस सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि 60 प्रतिशत STARTUP अब पहले की तुलना में व्यवसाय में बाधाओं का सामना कर रहे हैं।

केवल 22% STARTUP के पास पर्याप्त नगदी

यह सर्वेक्षण बताता है कि केवल 22 प्रतिशत स्टार्टअप के पास अगले तीन-छह महीनों के लिए पर्याप्त नकदी है। भारत में काम कर रहे 68 प्रतिशत स्टार्टअप परिचालन और प्रशासनिक खर्चों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

महामारी के चलते कर्मचारियों की छंटनी

सर्वेक्षण में शामिल लगभग 30 फीसदी कंपनियों ने कहा कि अगर लॉकडाउन बहुत लंबा चलाया गया तो वे कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं। अप्रैल-जून में 43 फीसदी STARTUP ने वेतन में 20-40 फीसदी की कटौती की है।

फिक्की के महासचिव दिलीप चिनॉय ने कहा, "स्टार्टअप क्षेत्र इस समय अस्तित्व के संकट से गुजर रहा है। निवेश की धारणा सुस्त है और आने वाले महीने में भी यही स्थिति रहने की उम्मीद है। अगर ऐसा ही चलता रहा तोह 3 से 6 महीने में बड़े पैमाने पर छंटनी की जा सकती है। "

सरकार से राहत की मांग

कम वित्तपोषण ने स्टार्टअप्स को व्यवसाय विकास और विनिर्माण गतिविधियों को स्थगित करने के लिए मजबूर किया है। उन्हें अनुमानित ऑर्डर लॉस हुआ है, जिससे स्टार्टअप को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सर्वेक्षण में स्टार्टअप के लिए तत्काल राहत पैकेज की आवश्यकता बताई गई है। इसमें सरकार से संभावित खरीद आदेश, कर राहत, अनुदान, आसान ऋण आदि शामिल हैं।

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