न्यूज – दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका की सुर में सुर मिलाते हुए जर्मनी ने भी चीन को वैश्विक महामारी फैलाने का आरोप लगाते हुए 130 अरब यूरो का बिल भेजा है। जर्मनी के इस कदम से चीन में बौखलाहट है।
वुहान प्रांत से पूरी दुनिया में फैला कोरोना वायरस संक्रमण अबतक डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका है, जबकि 20 लाख से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को चेताया कि अगर चीन ने ऐसा काम जान-बूझकर किया है तो उसे इसके लिए उसे गंभीर परिणाम भुगतना होगा। ट्रंप ने कहा, 'जब यह संक्रमण शुरू हुआ तभी इसे चीन में रोका जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब पूरी दुनिया इसके चपेट में है।' उन्होंने आगे कहा, 'यदि यह गलती थी तो ठीक है लेकिन अगर यह जानबूझकर किया गया है तब इसके बुरे परिणाम होंगे।'
जर्मनी में इस महामारी के कारण अनुमानित नुकसान 130 अरब यूरो का बताया गया है और इससे संबंधित पूरी लिस्ट यहां के प्रसिद्ध अखबार 'बिल्ड' में प्रकाशित भी की गई है। इसके अनुसार, प्रति व्यक्ति कुल 1784 यूरो का नुकसान हुआ है और देश की जीडीपी में भी गिरावट हुई है। जर्मनी के इस हमले से तिलमिलाए चीन ने इसे राष्ट्रवाद को बढ़ावा और विदेशियों से नफरत को दर्शाने वाला कदम बताया है। चीन से मिल रही खबरों से पता चलता है कि उसने इस घातक वायरस के संक्रमण के खतरे को छिपाने की कोशिश की।
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगातार चीन पर ऐसे आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उसके किसी भी काम में पारदर्शिता नहीं होती है। इस घातक वायरस का स्रोत रहे चीन का वह वेट मार्केट फिर से शुरू भी कर दिया गया है। रॉयटर्स के अनुसार, जर्मनी में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल मामले 141,672 हैं जो रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट (Robert Koch Institute, RKI) द्वारा सोमवार को जारी की गई है। इस मामले में अब तक मरने वालों की संख्या यहां 4,404 है।