डेस्क न्यूज़- खबर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की है, यहां स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन अस्पताल)
में एक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है,
आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने उसके साथ गलत किया,
घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता के भाई ने सोशल मीडिया पर यह बात कही,
शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया,
पुलिस ने पीड़िता के भाई से संपर्क कर मामले की जांच शुरू कर दी है,
वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने भी मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है,
हालांकि प्रिंसिपल का कहना है कि ऑपरेशन के वक्त आठ लोग थे, जिनमें पांच महिलाएं थीं।
आंत्र का ऑपरेशन होना था
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता मिर्जापुर जिले की रहने वाली है, उन्हें 29 मई को स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था,
31 मई को उनका पेट का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए डॉक्टर उन्हें ओटी ले गए,
पीड़िता के भाई ने बताया कि रात एक बजे ऑपरेशन के बाद जब वह लौटी तो बेहोशी की हालत में महसूस हुई,
वे कुछ बोलना चाहती थीं, जब उसने उसे एक कलम दी, तो उसने कागज पर लिखा कि कुछ लोगों ने उसके साथ गलत किया है,
इसके बाद उन्होंने प्रयागराज के एसएसपी को फोन कर जानकारी दी, कुछ देर बाद पुलिस आई।
आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के बाद उसकी पर्ची फाड़ दी, इसके बाद युवक ने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती वायरल कर दी,
इस मामले में डीआईजी बेस्ट त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि रात में सूचना मिलने पर सीओ कोतवाली सतेंद्र तिवारी मौके पर गए थे,
पुलिस ने पीड़िता की मां और अन्य रिश्तेदारों से पूछताछ की, ऐसा आरोप किसी ने नहीं लगाया है,
लड़की को होश आने पर उससे पूछताछ की जाएगी, मामले की जांच के लिए डॉक्टरों की ओर से टीम गठित की गई है।
गैंगरेप का आरोप लगाने वाली उनकी बहन का वीडियो और हाथ से लिखी पर्ची भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है,
पर्ची में जो उसकी बहन की ओर से लिखी बताई जा रही है, उसमें लिखा है कि सभी ने झूठ बोला, इलाज नहीं,
मेरे साथ गंदा काम हुआ है।
वहीं इस मामले में प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह का स्पष्टीकरण सामने आया है,
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थियेटर में पांच महिला कर्मचारियों सहित आठ सदस्य थे,
वहां पारदर्शी कांच है, ऑपरेशन थियेटर के बाहर उनके परिजन भी मौजूद थे,
फिलहाल प्राचार्य ने इस मामले में वरिष्ठ डॉक्टरों की पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है,
जांच कमेटी में डॉ वत्सला मिश्रा, डॉ अजय सक्सेना, डॉ अरविंद गुप्ता, डॉ अमृता चौरसिया और डॉ अर्चना कौल शामिल हैं।