न्यूज़- पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा है, लोग सोशल मीडिया पर इस शर्मनाक घटना की निंदा कर रहे हैं, जबकि ट्विटर पर लोग उद्धव ठाकरे की सरकार पर बड़े सवाल उठा रहे हैं, जबकि इस मामले में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, पालघर लिंचिंग मामले में, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक भी मुसलमान नहीं है।
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि गिरफ्तार किए गए 101 अभियुक्तों में एक भी मुसलमान नहीं है और आरोप लगाया कि विपक्ष इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा है, जो कि फेसबुक के माध्यम से बहुत ही दुर्भाग्य की बात है, उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं। यह राजनीति करने का नहीं, बल्कि कोरोना वायरस से लड़ने का समय है।
देशमुख ने कहा कि सीआईडी के एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। मगर मैं यह बताना चाहूंगा कि पुलिस ने क्राइम के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप्प के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।
दरअसल महाराष्ट्र के पालघर में बीते गुरुवार को ग्रामीणों ने तीन लोगों को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सुशीलगिरी महाराज, 70 वर्षीय चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी और30 वर्षीय निलेश तेलगड़े के रूप में हुई है, निलेश साधुओं का ड्राइवर था। ये तीनों लोग मुंबई से सूरत किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे। पालघर जिले के एक गांव में 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ इन पर टूट पड़ी।
ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया था, बताया गया है कि इस पूरे इलाके में कुछ दिनों से बच्चा चोर गिरोह की अफवाह फैली हुई थी। बस लोगों ने इन्हें इसी गिरोह से संबंधित समझा और बिना सोचे समझे हमला करना शुरु कर दिया और तीनों को पीट-पीटकर मार डाला, जिसके बाद उद्धव ठाकरे लगातार विरोधियों के निशाने पर है।