डेस्क न्यूज़- देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच अब ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस विकराल रूप लेता जा रहा है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र समेत देशभर में अब तक करीब 9,000 मामले सामने आ चुके हैं। अकेले गुजरात में सबसे ज्यादा 5,800 मामले सामने आए हैं। गुजरात में भी सफेद कवक के दो मामले सामने आए हैं। ब्लैक फंगस का कहर ।
देश में 10 राज्यों में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है।
सबसे अधिक गुजरात में 5,800 मामले मिले हैं। गुजरात के बाद
महाराष्ट्र में 1500 मामले सामने आए हैं। यहां 90 मरीजों की
मौत भी हो चुकी है। मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में ही इसके
111 मरीज भर्ती हैं। इस संक्रमण के चलते कई मरीजों की आंख तक निकालनी पड़ रही है।
इस बीमारी से राजस्थान में 400, हरियाणा में 276, बिहार में 117, यूपी में 154,
झारखंड में 16 मरीज इलाज करवा रहे हैं।
अहमदाबाद में कोरोना से 15 साल की किशोर में म्यूकर माइकोसिस का संक्रमण मिला। 4 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद किशोर संक्रमण मुक्त हो गया। डॉ. अभिषेक बंसल ने कहा कि प्रदेश में किसी किशोर में म्यूकर माइकोसिस का यह पहला मामला है। ऑपरेशन के लिए उसके साइनस और तालू के दाहिनी ओर के दांतों को हटाना पड़ा।
गुजरात में सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज मिलने के बाद इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी पहले 2900 से 3300 रुपये में बिकता था। मांग बढ़ने पर कंपनियों ने एमआरपी बढ़ा दी है। अब सरकार को प्रति इंजेक्शन 4563 से 5950 रुपये देने होंगे। अब आपको प्रति इंजेक्शन 2000 रुपये ज्यादा देने होंगे।
एम्स, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर कोई लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहा है, तो मधुमेह जैसी समस्या हो सकती है। फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस मामले में, म्यूकस माइकोसिस होना सामान्य है। एस्परगिलोसिस संक्रमण भी हो सकता है। अगर स्टेरॉयड ले रहे हैं तो ब्लड शुगर चेक करते रहें।
रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने प्रभावित राज्यों को आवंटित शीशियों की संख्या के विवरण के साथ ट्वीट किया, "विभिन्न राज्यों में ब्लैक फंगस के मामलों की बढ़ती संख्या की विस्तृत समीक्षा के बाद आज सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को एम्फोटेरिसिन-बी कुल 23,680 अतिरिक्त शीशियां दी गई है। यह आवंटन रोगियों की कुल संख्या पर आधारित है। वर्तमान में देश भर में लगभग 8,848 ब्लैक फंगस रोगी हैं।