डेस्क न्यूज़ – भारतीय रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत रोजगार देने की घोषणा की। भारतीय रेलवे इन प्रवासी श्रमिकों को 31 अक्टूबर तक 125 दिनों के लिए नियुक्त करेगा। 6 राज्यों के 116 जिलों के श्रमिकों को इस योजना के तहत काम मिलेगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा कि भारतीय रेलवे सभी प्रवासी मजदूरों को 8 लाख दिन का रोजगार प्रदान करेगा। गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के अनुसार, रेलवे अपने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 1800 करोड़ रुपये खर्च करेगा। गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत, इन प्रवासी मजदूरों को 6 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 116 जिलों में काम दिया जायेगा।
रेलवे के बयान में कहा गया है कि इन छह राज्यों में, प्रवासी मजदूरों की अधिकतम संख्या वापस आ गई है। रेलवे ने कुछ ऐसे कामों की पहचान की है जो मनरेगा के तहत पूरे किए जाएंगे। इसमें लेवल क्रॉसिंग का निर्माण, रेलवे स्टेशन की सड़क, पटरियों के करीब नालियों का निर्माण और सफाई, रेलवे ट्रैक की मरम्मत और वृक्षारोपण शामिल हैं।
आंचलिक रेलवे इन कार्यों की दैनिक निगरानी करेगा और हर शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को प्रस्तुत करेगा। यह रिपोर्ट अक्टूबर 2020 तक जमा करनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शनिवार को ही गरीब कल्याण रोजगार अभियान की घोषणा की थी, जिसमें 50000 करोड़ रुपये ग्रामीण बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे और प्रवासी मजदूरों को इसमें काम दिया जाएगा।
PMO के अनुसार, यह 125 दिन का यह अभियान मिशन के रूप में चलाया जाएगा। 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से इस अभियान को ताकत मिलेगी, योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए 25 अलग अलग प्रकार के कार्य तेजी से किए जाएंगे, और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
इस योजना के तहत, 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को एक साथ इस अभियान में में रोज़गार मिलेगा। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा समेत इन 6 राज्यों को इस योजना का लाभ देने के लिए चुना गया है।
इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों को इस योजना से लाभ मिलने का अंदाज़ा लगाया जा रहा है।
Like and Follow us on :