न्यूज़- दुनिया भर में कोरोनावाारस से फैली महामारी के चलते लॉकडाउन किया गया हैं। जिसके चलते बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों में फंसे हुए हैं। उनको भारत वापस लाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली हैं। केन्द्र सरकार ने इसको लेकर पूरा प्लान भी तैयार कर लिया हैं, विदेश में लॉकडाउन के चलते फंसे भारतीयों को वापस लोने के लिए बनाई गई योजना के तहत यात्रियों को अपने यात्रा का खर्च उठाना होगा। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि 7 मई से 13 मई तक विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए ऑपरेशन के तहत 1 सप्ताह में 64 उड़ानों का संचालन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 7 मई को शुरु हो रहे पहले चरण में ये 64 फ्लाइट की उड़ानों में यूएई के लिए 10 उड़ानें, कतर के लिए 2, सऊदी अरब के लिए 5, यूके के लिए 7, सिंगापुर के लिए 5, यूनाइटेड स्टेट्स के लिए 7, फिलीपींस के लिए 5, बांग्लादेश के लिए 7, बहरीन के लिए 2, मलेशिया के लिए 7, कुवैत के लिए 5 और ओमान के लिए दो उड़ाने शामिल हैं। वहीं दोहा स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार भारत सरकार ने दोहा से भारत के लिए 3 विशेष विमान चलाने का फैसला किया है। एक विमान 7 मई को दोहा से कोच्चि आएगा और दूसरा दोहा से तिरुवनंतपुरम आएगा।
इस अभियान के तहत पहले चरण में 13 देशों में फंसे 14 हजार विदेशों में फंसे भारतीयों को लाया जाएगा। इन 14 हजार भारतीय यात्रियों को 64 फ्लाइट में लाया जाएगा।इन सभी भारतीयों को मानक संचालन प्रोटोकॉल के तहत लाया जा रहा हैं।
बता दें गल्फ वॉर के बाद पहली भारत सरकार द्वारा इतनी बड़ी संख्या में 'एयरलिफ्ट'करे विदेश में फंसे भारतीयों को लाया जाने की योजना हैं। केन्द्र सरकार विदेश में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को जानकारी दी कि ये अभियान 7 मई से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। इसे अब तक का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन बताया जा रहा है। मालूम हो कि इससे पहले 1990 में गल्फ वॉर के समय भारत ने कुवैत से करीब एक लाख 70 हजार भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया था। ये ऑपरेशन करीब 69 दिन तक चला था।
7 मई से शुरू होने जा रहे इस अभियान के पहले चरण में खाड़ी देशों से भारतीयों को निकाला जाएगा इसके बाद दूसरे चरण में ब्रिटेन और अमेरिका में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा। वहीं दूसरे चरण की शुरुआत 25 मई से होने की संभावना है। ब्रिटेन से भारत आने के लिए करीब 9000 लोगों ने खुद कोअब तक रजिस्टर किया है। इनमें अधिकांश रुप से छात्र हैं या फिर पर्यटक हैं। वहीं अमेरिका से वापस आने के लिए करीब 22,000 हजार भारतीयों ने स्वयं को रिजस्टर किया है।