महाराष्ट्र राज्य में कोरोनावायरस को लेके स्थित बहुत ख़राब है और यहां के एक अस्पताल से लापरवाही की बड़ी खबर सामने आई है। 82 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव महिला अस्पताल से लापता हो जाती है। महिला का शव उसी अस्पताल के शौचालय से आठ दिन बाद बरामद हुआ है जहां से वह लापता हुई है। मामला महाराष्ट्र के जलगांव के सिविल अस्पताल का है। सवाल कई खड़े होते है ????? लेकिन इस तरह घटना मानवता को कलंकित करती है ।
कोरोना पॉजिटिव मरीज जिसका शव पिछले 8 दिनों से अस्पताल से गायब था, बुधवार को उसी अस्पताल के एक बाथरूम से बरामद किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मालती कोविद सकारात्मक थीं, लेकिन उन्हें गलती से कोरोना के रोगियों के वार्ड में रखा गया था। नौ दिनों के भीतर कोविद -19 से उनके परिवार में यह दूसरी मौत है।
उनके पोते हर्षल नेहटे (32) ने बताया कि उन्होंने अपनी 60 वर्षीय मां टीला नेहटे को पिछले दिनों खो दिया है। जलगांव के सरकारी अस्पताल में आईसीयू में छह घंटे तक इंतजार करने के दौरान उनकी मौत हो गई।
हर्षल पुणे में रहता है और उसकी पत्नी गर्भावस्था के आखिरी महीने में है। उनके पिता तुलसीराम का नासिक के एक निजी अस्पताल में कोविद -19 का इलाज चल रहा है, जो परिवार में पहला है जो कोरोना संक्रमित पाया गया।
मालती के करीबी रिश्तेदार अनिल नेहटे ने कहा कि वह लापता होने के बाद से रोजाना पुलिस थानों और अस्पतालों की यात्रा कर रहे थे। वे पूछते हैं, "मालती की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? अस्पताल में कर्मचारी इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं, बस यह कह रहे हैं कि 'वह बस चली गई थी'।
हर्षल कहती है, "मुझे आश्चर्य है कि वह शौचालय कैसे गई होगी?" वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। यह परिवार के सदस्यों का भी सवाल है कि जिस शौचालय में मालती का शव मिला था, वह पूरे आठ दिनों तक नहीं खुला था या अस्पताल का कोई कर्मचारी भी उसे साफ करने नहीं गया था।
Like and Follow us on :