डेस्क न्यूज़- कोरोना की घातक दूसरी लहर के कारण रेमेडीसविर इंजेक्शन की कमी और भारी मांग के कारण,
इसकी कालाबाजारी जोरों पर है, इस बीच जयपुर पुलिस आयुक्तालय की अपराध शाखा (सीएसटी) ने
शहर में लगभग 48 स्थानों पर एक ग्राहक के रूप में छापा मारा, इसमें पुलिस ने गिरोह में शामिल
मुरलीपुरा इलाके के एक मेडिकल स्टोर संचालक समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है,
वहीं एक आरोपी को थाना सदर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजयपाल लांबा और डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बुधवार को खुलासा किया
कि एक इंजेक्शन लगभग 15,000 रुपये में बेचा जा रहा था, इसके लिए गिरोह के दो सदस्यों,
विक्रम गुर्जर और शंकर माली ने गुड़गांव से लगभग 725 रेमेडिसवीर को इंजेक्शन मंगवाए गए,
इसका कोई लाइसेंस नहीं है, फिलहाल पुलिस केवल चार इंजेक्शन ही बरामद कर पाई है।
डीसीपी ने कहा कि सादी वर्दी में पुलिस की टीमें कालाबाजारी रोकने के लिए लगभग 48 जगहों पर छापेमारी की गई थीं,
पुलिस की टीम मुरलीपुरा इलाके के समर्थ मेडिकल स्टोर पहुंची, वहां इंजेक्शन लगाने की जरूरत है,
तब मेडिकल स्टोर के मालिक जयप्रकाश वर्मा ने रेमेडिसवीर के एक इंजेक्शन के लिए 15,000 रुपये में सौदा किया,
इसके बाद दलवीर सिंह नामक एक युवक ने मेडिकल स्टोर मालिक जयप्रकाश वर्मा को 2 इंजेक्शन दिए।
पुलिस ने जयप्रकाश और दलवीर सिंह को हिरासत में ले लिया, पूछताछ के दौरान आरोपी दलवीर
ने कहा कि विकास मित्तल से यह इंजेक्शन लाया है, पुलिस ने विकास मित्तल को भी गिरफ्तार किया,
इसके बाद विकास ने बसंत जांगिड से इंजेक्शन खरीदने की बात कही, फिर उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया,
इसके बाद बसंत ने विक्रम गुर्जर और शंकर माली से दोनों इंजेक्शन लेने की बात कही।
एडिशनल डीसीपी सुलेश चौधरी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला है
कि विक्रम गुर्जर और शंकर माली ने गुड़गांव से 725 रेमेडिसवीर इंजेक्शन खरीदे थे,
यहां जयपुर शहर में दलालों के माध्यम से ऊंचे दामों पर करीब 15 हजार रुपये में इंजेक्शन बेच रहे थे,
यह कार्रवाई पुलिस इंस्पेक्टर रवींद्र प्रताप सिंह, सीएसटी के प्रभारी, एएसआई द्वारका प्रसाद,
हेड कॉन्स्टेबल महिपाल सिंह, कांस्टेबल राजवीर सिंह, कांस्टेबल पवन काजला और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने की।