दोगुना किराए की जगह अब कर्नाटक सरकार मजदूरों को फ्री में भेजेगी घर

दोगुना किराए की जगह अब कर्नाटक सरकार मजदूरों को फ्री में भेजेगी घर

कर्नाटक सरकार बैकफुट पर आ गई और फैसला वापस ले लिया। अब सरकार घरों को मुफ्त में भेजेगी।
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न्यूज़- कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन को केंद्र सरकार ने 17 मई तक बढ़ा दिया है। इस अवधि के दौरान, अन्य राज्यों में फंसे लोगों को घर लौटने की सशर्त अनुमति दी गई है। जिस पर कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने बसों द्वारा श्रमिकों को भेजने के एवज में दोगुना किराया वसूलने का आदेश दिया। जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया था। जिसके बाद कर्नाटक सरकार बैकफुट पर आ गई और फैसला वापस ले लिया। अब सरकार घरों को मुफ्त में भेजेगी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने रविवार को मामले में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने KSRTC को मजदूरों की वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान उनसे कोई किराया नहीं वसूल किया जाएगा। सरकार की ओर से ये सुविधा अगले तीन दिनों तक जारी रहेगी। येदियुरप्पा सरकार के दोगुने किराए वाले आदेश का विपक्षी दलों और मानवाधिकार संस्थाओं ने विरोध किया था। वहीं दूसरी ओर भारतीय रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1190 मजदूरों को लेकर रविवार सुबह 9.26 बजे चिक्काबनवारा स्टेशन (बेंगलुरु) से भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई।

बस और ट्रेन चलने की खबर सुनते ही शनिवार को बड़ी संख्या में लोग बेंगलुरु के मैजेस्टिक बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पहुंच गए। यहां आए मजदूरों के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट वाहन, टैक्सी नहीं चल रही, जिस वजह से 20-30 किलोमीटर पैदल चलकर वो बस अड्डे पहुंचे। वहीं कुछ प्राइवेट वाहनों ने थोड़ी ही दूरी के लिए हजारों रुपये वसूल लिए। वहीं बस अड्डे पर सारी दुकानें बंद थीं। साथ ही प्रशासन ने खाने और पानी की व्यवस्था भी नहीं की थी, जिस वजह से मजदूर अपने छोटे बच्चों के साथ भूखे ही बस का इंतजार करते रहे। कई मजूदर ऐसे भी थे जो शनिवार सुबह आए थे और बस के इंतजार में अपने परिवार के साथ भूखे ही बस स्टैंड पर रात गुजारी।

गृह मंत्रालय ने साफ किया था कि मजूदरों और प्रवासी लोगों को घर भेजते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन होना चाहिए। इसके बावजूद बेंगलुरु के मैजेस्टिक बस अड्डे पर सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं। जहां पर लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। वहीं बड़ी तादाद में लोग ऐसे भी थे जिनके पास मास्क तक नहीं था। इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने भी जरूरी कदम नहीं उठाए। अगर इसमें से कोई भी व्यक्ति पॉजिटिव निकला, तो हजारों जिंदगियां खतरे में पड़ जाएंगी।

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