न्यूज़- तस्वीर मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की है। तालाबंदी में शादी हो रही है। महिला एसआई दूल्हा और दुल्हन के सामने खड़ी होती हैं। उनका कोई रिश्तेदार नहीं है। न ही लॉकडाउन में हो रही शादी में कोई कार्रवाई करने आया है। वह इस समय पंडित की भूमिका में हैं। मंत्र पढ़ रही है। वह सात फेरों की रस्म निभा रही है। आइए आपको बताते हैं इस अनोखी शादी की फोटो के पीछे की पूरी कहानी।
दरअसल, नरसिंहपुर जिले के श्रीनगर के रहने वाले लक्ष्मण चौधरी की शादी नरसिंहपुर के इटवारा बाजार की रहने वाली रितु चौधरी से तय हुई थी। तालाबंदी के कारण, दूल्हा और दुल्हन के परिवारों ने नरसिंहपुर जिला प्रशासन से शादी करने की अनुमति ली और झोटेश्वर के पार्वती मंदिर में शादी समारोह का आयोजन किया।
जबकि मंदिर में शादी हो रही है। उसी दौरान झोतेश्वर पुलिस चौकी पर तैनात महिला एसआई अंजलि अग्निहोत्री गश्त पर निकली थी। जब उसने झोतेश्वर के पार्वती मंदिर में कुछ गतिविधि देखी, तो वह मंदिर में तालाबंदी और सामाजिक भेद समझाने के लिए गई। जबकि दूल्हा और दुल्हन के परिवार ने सामाजिक अनबन के लिए एसआई अंजलि अग्निहोत्री से मुलाकात की, उन्हें एसआई के सामने एक समस्या थी कि मैडम की शादी कराने के लिए कोई पुजारी आने के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में सात फेरों की रस्म कैसे हो।
खुद ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखने वाली झोटेश्वर की थाना प्रभारी अंजली अग्निहोत्री ने उसी समय अपने मोबाइल में गूगल पर मंत्र सर्च किए और मंत्रोच्चारण करते हुए लक्ष्मण और ऋतु के सात फेरों की रस्म पूरी करवाई। एसआई ने वर-वधु को सात वचनों के साथ कानून का पालन करने की जानकारी भी दी।
थाना प्रभारी अंजली अग्निहोत्री ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन घोषित है। हमारी टीम भी लगातार क्षेत्र में गश्त करके लोगों को लॉकडाउन का उल्लंघन करने से रोक रही है। गश्त के दौरान झोटेश्वर के पार्वती मंदिर में शादी हो रही थी। मंदिर में वर और वधु सहित 8 लोग मौजूद थे। उनके पास शादी करने की परमिशन थी।
वर और वधु पक्ष के लोगों ने कहा कि मैडम, पंडित की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। आप भी पंडित हैं आप शादी करा दें तो भी चलेगा। शादी करवाने के दौरान हमें जितने मंत्र आते थे वह हमने पढ़े, जो नहीं आते थे उन्हें हमने गूगल में 'विवाह पद्धति' सर्च करके पढ़ा और शादी संपन्न करवाई। हवन वेदी नहीं थी तो दीपक जलाया भगवान को चढ़ाए गए फूलों का भी उपयोग किया।