संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई से राहत भरी जानकारी सामने आ रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, 6 हजार 905 नए मामले यहां सामने आए हैं,
जबकि नौ हजार 37 लोग इस दौरान कोरोना से भी बरामद हुए हैं।
हालांकि, इस दौरान 43 लोगों की मौत भी हुई।
मृतकों में नालासोपारा के एक अस्पताल में भर्ती सात मरीज भी शामिल हैं।
दावा किया जा रहा है कि इन सभी की मौत सिर्फ तीन घंटे में,
ऑक्सीजन की कमी के कारण हो गई।
सोमवार की रात हुई इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने नालासोपारा,
के अचोल रोड स्थित विनायक अस्पताल में भी हंगामा खड़ा कर दिया।
सूचना मिलने के बाद तुलिंज पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा, किसी तरह मामला शांत हुआ। इस बीच, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि अगर डॉक्टर ने सुबह ऑक्सीजन की कमी के बारे में सूचित किया होता, तो हम मरीज को मुंबई या कहीं और ले जाते। डॉक्टरों और अस्पताल की बड़ी लापरवाही है।
वही गुजरात में कोरोना ने कहर बरपा रखा है।
हाल ये हैं कि सूरत के श्मशान घाटों पर चौबीसों घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
यहां चिताओं की गर्मी से भट्ठियों की चिमनियां तक पिघल गई हैं। यहां बीते 8-10 दिनों से दिन-रात शव आ रहे हैं।
इनका कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
शहर के अश्विनी कुमार और रामनाथ घेला श्मशान घाट में सब से ज्यादा शव पहुंच रहे हैं। श्मशान के प्रमुख हरीशभाई उमरीगर का कहना है कि रोजाना 100 से ज्यादा लाशाें का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
सूरत में कोरोना से मरने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए तापी नदी के तट पर कैलाश मोक्षधाम को फिर से शुरू कर दिया गया है। यह पिछले 14 साल से बंद था। पिछले तीन दिनों में यहां 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।