बच्चों के लिए गेम चेंजर होगी देशी नेज़ल वैक्सीन,जाने क्यों ?

बता दें कि भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन के रूप में एक नेज़ल स्प्रे तैयार किया है।
बच्चों के लिए गेम चेंजर होगी देशी नेज़ल वैक्सीन,जाने क्यों ?

कोरोना की तीसरी लहर में जहां बच्चों को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, वहीं कई राज्यों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड बनाए जा रहे हैं, बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। हालांकि इस बीच राहत की खबर यह आ रही है कि देश में नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में तैयार हो रहा कोरोना का नेज़ल वैक्सीन आशा की एक किरण है।

उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में जहां बच्चों को ज्यादा खतरा है, वहीं इस स्वदेशी वैक्सीन से काफी उम्मीदे हैं। बता दें कि भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन के रूप में एक नेज़ल स्प्रे तैयार किया है।

वयस्कों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैक्सीन लगाया जाना चाहिए।

इसका भारत में क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। इस वैक्सीन को नाम के माध्यम से दिया जाता है और यह सिंगल डोज वैक्सीन है। इस समय देश में 18 प्लस के लोगों को भारत बायोटेक का कोवैक्सीन लगाया जा रहा है। सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में विकसित किया जा रहा कोरोना का नेज़ल वैक्सीन बच्चों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। इसे आसानी इस्तेमाल किया जा सकेगा और यह सीधा नाक के रास्ते फेफड़े तक पहुंचकर लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि यह सिंगल डोज वैक्सीन है। सौम्या स्वामीनाथन ने इस बात पर जोर दिया कि वयस्कों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैक्सीन लगाया जाना चाहिए।

जोखिम कम, तभी खोले जाएं स्कूल

हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि तब तक अधिक से अधिक वयस्कों, विशेषकर शिक्षकों को टीकाकरण की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जब कोरोना का सामुदायिक प्रसारण का जोखिम कम हो, तभी स्कूलों को खोला जाए। मुझे बहुत उम्मीद है कि आखिरकार हमारे पास बच्चों के लिए टीका होगा, लेकिन इस साल ऐसा नहीं होने जा रहा है और सामुदायिक प्रसारण कम होने पर हमें स्कूल खोलना चाहिए। बाकी देशों ने अन्य सावधानियों के साथ यही किया है। अगर शिक्षकों को टीका लगाया जाता है, तो यह एक बड़ा कदम होगा।

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