अभी पूरी दुनिया डेल्टा वेरियंट से उबरने की कोशिश में थी कि कोरोना के नए वेरियंट 'ओमिक्रॉन' ने दस्तक दे दी है। दक्षिण अफ्रीका में मिले इस नए संस्करण ने एक बार फिर दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट कोरोना वायरस का सबसे संक्रामक और घातक रूप हो सकता है।
चिंताजनक बात ये है कि, ओमिक्रॉन को पहचाने जाने के सिर्फ दो
दिन में ही डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा वैरिएंट ऑफ
कंसर्न (VoC) घोषित कर दिया है।आपको बता दें कि दुनिया में
सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट को भी पहले VoC
घोषित किया गया था।
24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के एक नए संस्करण ओमिक्रॉन का पहला मामला पाया गया था। दक्षिण अफ्रीका के अलावा, इस संस्करण की पहचान यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, बेल्जियम, बोत्सवाना, हांगकांग और इज़राइल में भी की गई है। . इस वैरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि शुरुआती नतीजों से पता चला है कि जिन लोगों को पहले भी कोरोना का संक्रमण हो चुका है, उन्हें ज्यादा सुरक्षा की जरूरत है. क्योंकि नए वेरिएंट में म्यूटेशन तेजी से हो रहा है और यह कोरोना संक्रमित लोगों में तेजी से फैल सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस के अलावा कोरोना के जितने भी वेरिएंट सामने आए हैं, वे कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए खतरा बन गए हैं, कोरोना से मरने वालों में ज्यादातर ऐसे ही थे. जो शारीरिक रूप से कमजोर थे। इसलिए नए वेरिएंट के संभावित खतरे के बीच एहतियात सबसे बड़ा हथियार है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का कहना है कि जितनी देर हम पूरी आबादी को टीका लगाने में लगेंगे, उतनी ही तेजी से वायरस म्यूटेट होगा और तेजी से फैलेगा। इसलिए टीकाकरण की गति बढ़ाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सभी को दोनों खुराक दी जाए।