SC ने प्राइवेट अस्पताल में कोरोना की फीस तय करने को लेकर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के खर्च की उच्चतम सीमा तय करने की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर एक सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया मांगी
SC ने प्राइवेट अस्पताल में कोरोना की फीस तय करने को लेकर केंद्र से मांगा जवाब
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न्यूज़- सुप्रीम कोर्ट निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के खर्च की उच्चतम सीमा तय करने की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर एक सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया मांगी। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सरकार से 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अविषेक गोयनका द्वारा निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना वायरस के उपचार की ऊपरी सीमा तय करने के लिए दायर जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निजी और धर्मार्थ अस्पतालों में फ्री या कम खर्चे में कोरोना इलाज पर केंद्र से जवाब मांगा था।

इस पर केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि हमारे पास निजी या धर्मार्थ अस्पतालों को कोविड-19 रोगियों को मुफ्त इलाज देने के लिए कोई वैधानिक शक्ति नहीं है। केंद्र ने कहा है कि क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट कानून, 2010 के तहत कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत यह अनिवार्य किया जाए कि सार्वजनिक भूमि पर चल रहे निजी अस्पताल कोरोना रोगियों क मुफ्त में इलाज करेंगे।

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या रियायती जमीन पर सरकारी जमीन पाने वाले निजी चैरिटेबल हॉस्पिटल कोरोना के मरीजों का मुफ्त या कम कीमत पर इलाज करने को कहा जा सकता है? बीते 24 घंटे में भारत में कोरोना के 9,851 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि हमारा रिकवरी रेट काफी बढ़िया है। भारत में कोरोना के अबतक 2,26,770 मामले सामने आए हैं। इनमें से 1,09,462 लोग ठीक भी हो चुके हैं, वहीं अब तक कोरोना ने देश में 6,348 लोगों की जान ली है।

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