पुलिस और RSS की असली छवि देखिए

देश में कोरोना का संकट चारों तरफ फैला हुआ है ऐसे में लॉकडाउन के चलते सब घरों में बंद है लोग घूमने को बाहर तरस रहे हैं
पुलिस और RSS की असली छवि देखिए

न्यूज – देश में कोरोना का संकट चारों तरफ फैला हुआ है ऐसे में लॉकडाउन के चलते सब घरों में बंद है लोग घूमने को बाहर तरस रहे हैं उनके लिए घर में कैद रहना बहुत ही मुश्किलों भरा हो रहा है व्यापार पर्यटन सब बंद है और इसी के चलते लोग दिन दिहाड़ी के मजदूर हैं वह भी काम नहीं कर पा रहे पैसे नहीं कमा रहे लोगों के लिए खाने की व्यवस्था पूरे देश में कोई न कोई कर रहा है

जिस पुलिस से लोग डरते थे आज वही पुलिस लोगों की सहायता कर रही है घरों तक राशन पहुंचा रही है लोगों की मदद कर रही है

एक तरफ जहां इंसान घरों में कैद है इसका असर जानवरों पर भी बखूबी पड़ा है जानवर भी खाने को तरस रहे हैं ऐसे में कई वीडियो सामने आ रहे है जिसमें वाराणसी में पुलिस वाले ने खाने को तरस रही गायों के लिए चारे का इंतजाम किया और  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुलिस किस तरह जानवरों का ख्याल रख रही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में ही देश भर में किसी भी प्रकार से बात की जाती हो लेकिन जो सेवाकार्यों में लगे उनके वीडियो बता रहे है कि कुछ लोग संघ को आतंकी और गुंडा बताते हैं लेकिन देश देख रहा है वही दूसरी तरह ये संघी गुंडे जी जान से देश की सेवा में लगे है भूखों को खाना खिलाने में, गरीब बच्चों को भूखे बच्चों को खाना खिला रहे हैं कोरोना के संकट में कैसे गरीब बच्चों की मदद कर रहे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सूरत से भी ऐसी ही खबर आयी, आर एस एस द्वारा लॉक डाउन में जैसे कठिन समय में आवश्यक सामग्री का एक लाख किटों का वितरण किया गया, यह किट उन लोगों को दिया गया यादव देहाती मजदूर है या फिर दो समय के खाने के लिए तरस रहे है।

कोरोना के इस संकट काल में पुलिसवालों पर कोई पत्थर फेंक रहा है कोई इन पर थूक रहा है कोई इनका हाथ काट देता है मगर इस राष्ट्र के लिए देश की पुलिस के इस योगदान को इतिहास याद रखेगा।

एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जो जिसमें जब इस गरीब महिला को पुलिसवाला  खाने की सामग्री मुहैया कराता है तो  महिला कैसे पुलिसवालें के लिपट कर रोने लगती है लोग कहते हैं कि पुलिस वालों में भावना ही नहीं होती है वह ना उम्र देखते हैं ना किसी का लिहाज…यह उन लोगों के लिए बहुत ही संवेदनशील है जो हर बार हर समस्या के लिए पुलिस को गलत ठहराते रहते हैं।

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