मूडीज ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर,
से भारत के वृद्धि पूर्वानुमान के लिए जोखिम पैदा हुआ है,
लेकिन फिर भी पिछले साल के निम्न स्तर को देखते हुए,
जीडीपी वृद्धि दर दोहरे अंक में रह सकती है।
मूडीज ने कहा कि वायरस का प्रकोप बढ़ने से,
आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।
मूडीज ने उम्मीद जताई कि संक्रमण की मौजूदा लहर,
से निपटने के लिए एक देशव्यापी लॉकडाउन के विपरीत,
छोटे-छोटे कटेंटमेंट जोन पर जोर दिया जाएगा,
जिससे 2020 के मुकाबले आर्थिक गतिविधियां कम प्रभावित होंगी।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की बहुत कम मृत्यु दर (12 अप्रैल तक 1,70,179 मौतें) दर्ज की गई है और अपेक्षाकृत युवा आबादी भी जोखिम को कम करने में मदद करती है।
2020 में आर्थिक गतिविधियों के निचले स्तर को देखते हुए,
जीडीपी के अब भी दो अंकों में बढ़ने की संभावना है।
इससे पहले मूडीज ने फरवरी में अनुमान जताया था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 13.7 प्रतिशत रह सकती है।
वही अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए नोवेल कोरोनावायरस के वेरिएंट्स को एक बड़े खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
मिनियापोलिस रिजर्व बैंक के अध्यक्ष नील काशकारी ने यह बात कही।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, काशकारी ने वायरस के एक वेरिएंट का जिक्र करते हुए न्यूयॉर्क के ईकोनॉमिक क्लब को बताया,
"सबसे बड़ा खतरा तो मुझे इन वेरिएंट्स से रिकवरी की दिख रही है।"
उन्होंने जिस वेरिएंट का जिक्र किया, उसकी अधिकता देश के कई भागों में देखने को मिल रही है और जिसकी चपेट में युवा आसानी से आ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, अगर डेकेयर सेंटर्स और स्कूल वगैरह को वायरस के प्रसार पर काबू पाने के मद्देनजर बंद रखा जा रखा जा रहा है, तो इससे हम आने वाले समय में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।