डेस्क न्यूज़- टाटा समूह का कहना है कि उसके पास पर्याप्त नकदी है और उसके किसी भी निवेश को बाजार में लाने की कोई योजना नहीं है, अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कोरोना वायरस समूह पर प्रभाव के बारे में अटकलों को खारिज कर दिया है, उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त नकदी है जो भी समूह की कंपनियों का समर्थन करने के लिए है, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को समूह की कंपनियों को धन आवंटित करने के लिए बैठक की है, इस दौरान उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने पर बात हुई है, जिन्हें वर्तमान में नकदी की जरूरत है।
चंद्रशेखरन ने बयान में कहा, टाटा संस की वित्तीय स्थिति बिल्कुल ठीक है, समूह की कंपनियों के पास काफी मात्रा में नकदी है, उन्होंने कहा कि अन्य कंपनियों की तरह, टाटा समूह की कंपनियां भी कोरोना वायरस की चुनौतियों का सामना कर रही हैं, वह चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना करती है, कंपनियां नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, हमारी कंपनियां मजबूत होंगी, आपको बता दें कि फरवरी 2017 में चंद्रशेखरन टाटा समूह के अध्यक्ष बने थे, जिसके बाद उन्होंने समूह की सभी कंपनियों के बीच सही तालमेल स्थापित करने की पूरी कोशिश की।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन का असर विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों पर पड़ा है, इनमें होटल, विमानन, वाहन और कई अन्य तरह की कंपनियां भी शामिल हैं, इन क्षेत्रों में टाटा समूह की भी मौजूदगी है, रिपोर्ट्स के अनुसार सबसे ज्यादा प्रभावित टाटा स्टील और जेएलआर हुई हैं, इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भी वायरस के चलते प्रभावित हुई है, हालांकि उनके बयान में बोर्ड की बैठक को लेकर कोई जिक्र नहीं था।