न्यूज़- सोमवार को देश भर में शराब की दुकानों के बाहर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ती दिखाई दी। लोग शराब खरीदने के लिए इस कदर बेकाबू हो रहे थे, जैसे उनके लिए दुनिया में इससे बड़ी कोई चीज ही नहीं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि राजस्व के चक्कर में राज्य सरकारों के इस फैसले से हर कोई खुश है। कुछ जगहों से इस फैसले के खिलाफ आवाज भी मुखर हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जब चिलचिलाती धूप में भी हजारों लोग शराब खरीदने के लिए खड़े थे, तो वहां की सरकार ने इसका एक उपाय निकाला। वहां की सरकार ने ग्रीन जोन के लिए एक ऐप (App) का ऑफर दिया, जिसके जरिए लोगों के घरों तक शराब की होम डिलीवरी की जा सके। लेकिन, प्रदेश के महासमुंद जिले की महिलाओं को राज्य सरकार का ये फैसला नागवार गुजरा। उन्होंने शराब की दुकानें खोले जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनकी शिकायत थी कि शराब की दुकानें बंद रहने से उनके परिवारों में शांति का माहौल कायम हुआ था, लेकिन सरकार के फैसले से एक बार फिर उसके बिगड़ने की आशंका है।
लेकिन, देश के बाकी हिस्सों में रायपुर से भी बुरे हालात देखने को मिले। राजधानी दिल्ली में तो शराब खरीदने वालों ने सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस से बचाव की सभी एहतियातों का मजाक बनाकर रख दिया। स्थिति ऐसी बिगड़ी की आखिरकार अरविंद केजरीवाल सरकार को ठेके बंद कर देने पड़े। रात जाते-जाते सरकार ने भीड़ कम करने और राजस्व बढ़ाने के मकसद से शराब पर 70 फीसदी कोरोना टैक्स लगा दिया। मुंबई में भी स्थिति अलग नहीं थी। वह पांच घंटे तक तो पता ही नहीं चला कि सरकार शराब दुकानें खुलवाएगी या नहीं। बाद में सरकार ने इसे खोलने का तो फैसला ले लिया, लेकिन ज्यादातर शराब दुकानदारों ने इसे मंगलवार से ही खोलने का फैसला किया। हालांकि, सोलापुर और औरंगाबाद जैसे शहरों में जिला प्रशासन ने इन्हें खोलने की इजाजत नहीं दी।
बेंगलुरु में तो लोग लंबी-लंबी लाइन लगाकर खड़े रहे। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग की हवा उड़ाई गई। कई लोगों ने तो पैसे देकर उन्हें अपने लिए शराब खरीदने के वास्ते लाइन में खड़ा कर रखा था। कर्नाटक के कोलार में तो लक्ष्मणम्मा नाम की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी शराब खरीदने पहुंच गई। जबकि, यूपी के मिर्जापुर में शराब के ग्राहकों पर दुकानदारों ने फूलों की बारिश की। यूपी में तो सोमवार को शराब बिक्री के सारे रिकॉर्ड टूट गए और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक दिन में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब बिकी। जबकि आम दिनों में यह 70-80 करोड़ की बिकती है। लखनऊ में तो सिर्फ 4 घंटे के लिए ही दुकान खुली और 6.3 करोड़ रुपये की शराब बिक गई। ऐसी कहानी सोमवार को लगभग हर राज्य से सुनने को मिली और ज्यादातर दुकानें दोपहर तक इसलिए बंद कर देनी पड़ीं, क्योंकि उनके स्टॉक ही खत्म हो गए थे।