डेस्क न्यूज़ – कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कठिन समय में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने 16 लाख कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों पर कैंची चला दी है। इसके बाद कर्मचारियों का वेतन 2000 रुपये से घटाकर 5000 रुपये किया जाएगा। कुल मिलाकर 7 तरह के भत्ते कम किए गए हैं। आपको बता दें कि, तीन हफ्ते पहले योगी सरकार ने इन कर्मचारियों के डीए भत्ते पर रोक लगा दी थी। सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण राज्य का आर्थिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा है। इस तरह, सरकार हर साल 1200 से 1500 करोड़ रुपये बचाएगी।
जानकारी के मुताबिक, योगी कैबिनेट में यह फैसला लिया गया था, जिसके बाद अब अपर मुख्य सचिव (वित्त) संजीव मित्तल ने आदेश जारी कर दिया।
कौन–कौन से भत्तों में हुई कटौती
जिन भत्तों में कमी की गई है, उनमें सचिवालय भत्ता, शहर का भत्ता भत्ता, अनुसंधान भत्ता, अर्दली डिज़ाइन भत्ता, I & P भत्ता और प्रोत्साहन भत्ता शामिल हैं। सचिवालय भत्ते के तहत, राशि 625 रुपये से 2000 रुपये तक है। यूपी में लगभग 10 हजार कर्मचारियों को यह राशि मिलती है। इसी तरह, सभी 16 लाख कर्मचारियों को शहर मुआवजा भत्ता मिलता है। इसके तहत 340 रुपये से 900 रुपये दिए जाते हैं। पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों को अनुसंधान और अर्दली डिजाइन भत्ता प्राप्त होता है, जिसे घटा दिया गया है।
यह दूसरी बार है जब यूपी में सरकारी कर्मचारियों को इस तरह से मारा गया है। इससे पहले 24 अप्रैल को, सरकार ने 31 मार्च 2021 तक 6 भत्तों को खत्म करने का फैसला किया था। तब कहा गया था कि इससे सरकारी खजाने पर न्यूनतम 24000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।