गुजरात में सबसे ज्यादा मौते क्यों, आइये जाने

गुजरात में अभी तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों और डॉक्टर्स के अनुसार राज्य में मौत के बढ़ते आंकड़ों की वजह कोरोना वायरस का एल स्ट्रेन हो सकता है
गुजरात में सबसे ज्यादा मौते क्यों, आइये जाने
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न्यूज़- पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से जूझ रही है। भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस ने भारत के जिन राज्यों में सबसे ज्यादा कहर मचाया है उनमें गुजरात भी शामिल है। गुजरात में अभी तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों और डॉक्टर्स के अनुसार राज्य में मौत के बढ़ते आंकड़ों की वजह कोरोना वायरस का एल स्ट्रेन हो सकता है। गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और डेप्युटी सीएम नितिन पटेल की मौजूदगी में शनिवार को डॉक्टर अतुल पटेल ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुजरात में मौत के बढ़ते आंकड़ों की वजह चीन के वुहान का ओरिजनल स्ट्रेन हो सकता है, जबकि केरल में मृत्यु दर कम होने के पीछे वहां पर एस स्ट्रेन की मौजूदगी अहम वजह हो सकती है।

डॉक्टर अतुल पटेल ने मीडिया को बताया कि कोरोना वायरस के दो अलग-अलग स्ट्रेन हैं। इसमें एक L स्ट्रेन है जबकि दूसरा S स्ट्रेन है। इनमें से L स्ट्रेन चीन के वुहान का ओरिजनल स्ट्रेन है। इस वायरस का असर बहुत घातक है। L स्ट्रेन की वजह से जल्दी मौत भी होती है। वुहान के बाद L स्ट्रेन के म्युटेशन से S स्ट्रेन बना। यह अपेक्षाकृत कम घातक है। डॉक्टर अतुल ने बताया, "मैं केरल सरकार के चिकित्सा सलाहकार से बात कर रहा था, जिन्होंने कहा कि अधिकांश मरीज दुबई से आए थे। वहां पर हल्का S स्ट्रेन है। इसलिए केरल में कोरोना का प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है। वहीं गुजरात में अमेरिका और यूरोपीय देशों से आने वाले अधिक रहे, जहां पर L स्ट्रेन कॉमन है। इसलिए गुजरात में L स्ट्रेन का प्रभाव होने की आशंका है, जिस वजह से मौतों का आंकड़ा अधिक है।"

भारत में अब तक कोरोना वायरस के तीन स्‍ट्रेन मिले हैं। इनमें चीन, अमेरिका और यूरोप के स्‍ट्रेन शामिल हैं। ICMR के मुताबिक, इन तीनों में बेहद कम अंतर है। अच्‍छी बात ये है कि यह वायरस जल्‍दी-जल्‍दी म्‍यूटेट नहीं करता। डॉक्टर अतुल पटेल ने गुजरात में कोरोना से मौतों की ज्‍यादा संख्‍या के पीछे मरीजों में डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का होना भी एक वजह बताया। पल्‍मोनोलॉजिस्‍ट पार्थिव मेहता का कहना है कि लक्षणों के प्रति देरी से रिएक्‍शन भी एक वजह हो सकती है कि मौतें 6 से 24 घंटों के अंदर हुईं। मीडिया ब्रीफिंग में मौजूद कुछ अन्य डॉक्टर्स ने सरकार से अपील करते हुए कहा, 'डॉक्टर्स में आत्मविश्वास पैदा करें कि वे अपने क्लिनिक को खोलें। इसके साथ ही कोविड केयर सेंटर, पीपीई सूट और बेड के इंतजाम भी अधिक संख्या में करें।'

बता दें, पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से जूझ रही है। दुनियाभर में इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दुनियाभर में अब तक कोरोना से 28 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1 लाख 97 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या 26496 हो गई है और 824 लोगों की मौत हुई है।

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