12 देशों की अलग-अलग कोरोना स्टडी में दावा, भारत में और खराब होगें हालात

12 देशों की अलग-अलग कोरोना स्टडी में दावा, भारत में और खराब होगें हालात : भारत में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। एक नई स्टडी के मुताबिक, कोरोना के पीक की समयसीमा जून तक जा सकती है, ये स्टडी हॉन्ग कॉन्ग की एक ब्रोकरेज कंपनी CLSA ने की है.
Image Credit - Jansatta
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12 देशों की अलग-अलग कोरोना स्टडी में दावा, भारत में और खराब होगें हालात : भारत में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। एक नई स्टडी के मुताबिक, कोरोना के पीक की समयसीमा जून तक जा सकती है,

ये स्टडी हॉन्ग कॉन्ग की एक ब्रोकरेज कंपनी CLSA ने की है.

स्टडी के अनुसार, भारत में कोरोना की दूसरी लहर जून के महीने में अपने पीक पर होगी.

ये अनुमान अमेरिका, ब्राजील और UK समेत 12 देशों के विश्लेषण पर आधारित है।

12 देशों की अलग-अलग कोरोना स्टडी में दावा, भारत में और खराब होगें हालात : पिछले कुछ दिनों में दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब समेत कुछ राज्यों में कोरोना के मामले भले ही कुछ घटे हैं लेकिन खतरा बरकरार है।

कोरोना के बढ़ते मरीजों के बाद अब इस बात की आशंका जाहिर की गई है

कि आने वाले समय में भारत में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या दोगुनी तक हो सकती है।

11 जून तक भारत में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 4 लाख 4 हजार तक हो जाएगी।

कुछ रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी के आधार पर अंदेशा जाहिर किया है कि आने वाले दिनों में भारत में कोविड से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ेगी। यह अभी के मुकाबले दोगुनी तक हो सकती है। बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस की एक टीम ने कोरोना के मौजूदा आंकड़ों का अपने गणितीय मॉडल के जरिए विश्लेषण किया।

इस टीम के मुताबिक अगर कोरोना की चाल यूं ही बरकरार रहती है तो 11 जून तक भारत में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 4 लाख 4 हजार तक हो जाएगी।

भारत में कोविड से 10 लाख18 हजार 879 मरीजों की जान जा सकती है

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की हेल्थ मैट्रिक्स ऐंड इवेल्यूएशन इंस्टिट्यूट ने भी अपने विश्लेषण के आधार पर कहा है कि जुलाई के आखिर तक भारत में कोविड से 10 लाख18 हजार 879 मरीजों की जान जा सकती है। भारत जैसे देश में कोरोना को लेकर हालांकि कुछ भी अनुमान लगाना मुश्किल भी है। कोरोना के जो हालात हैं उसमें सोशल डिस्टेंसिंग, टेस्टिंग का दायरा बढ़ाकर इस खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। वर्तमान समय में देश के कई राज्यों से ऑक्सिजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत की खबरें भी सामने आई।

अगले चार से छह सप्ताह भारत के लिए बहुत कठिन

ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन आशीष झा के मुताबिक अगले चार से छह सप्ताह भारत के लिए बहुत कठिन होने जा रहे हैं। चुनौती बड़ी है और कोशिश करनी चाहिए कि जो मुश्किल समय है वो और आगे नहीं बढ़े। इसके लिए जरूरी है कि जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार कहा गया कि किसी भी नतीजे पर जल्दी नहीं पहुंचा जा सकता है। दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र इन राज्यों से कोरोना के केस कुछ कम हुए है।

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