डेस्क न्यूज – पूरी दूनिया कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इतंज़ार कर रही हैं। वही भारत में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।
कोवीशील्ड और कोवैक्सिन का सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है।
देने को लेकर आज बड़ा ऐलान किया जा सकता है। Drugs Controller General of India (DCGI) ने 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। तो कोरोना वैक्सीन को लेकर सबसे बड़ी और अच्छी खबर आने की उम्मीद है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास इस वक्त सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इमरजेंसी यूज के लिए सशर्त मंजूरी देने की सिफारिश की गई है। पिछले दो दिनों में Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) के एक्सपर्ट पैनल ने यह सिफारिश की है। – कोवीशील्ड और कोवैक्सिन
फाइजर को पूरी दूनिया में इमरजेंसी यूज का अप्रूवल
WHO ने फाइजर को पूरी दूनिया में इमरजेंसी यूज का अप्रूवल दे दिया हैं। फाइजर एक अमेरिकन फार्मा कंपनी हैं।
भारत द्वारा फाइजर की ओर से बनाई गई वैक्सीन से और डेटा मांगा गया है।
A decisive turning point to strengthen a spirited fight!
DCGI granting approval to vaccines of @SerumInstIndia and @BharatBiotech accelerates the road to a healthier and COVID-free nation.
Congratulations India.
Congratulations to our hardworking scientists and innovators.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2021
तीन फार्मा कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल मांगा था
वही भारत में तीन फार्मा कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल मांगा था। एक्सपर्ट पैनल ने इनमें से कोवीशील्ड और कोवैक्सीन को सशर्त मंजूरी दे दी है।
एक जनवरी को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने कोवीशील्ड को मंजूरी देने की सिफारिश की।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोवीशील्ड को बनाया है। अदार पूनावाला का सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसका भारत में ट्रायल्स कर रहा है।
कोवैक्सिन स्वदेशी है। इसे हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने Indian Council of Medical Research (ICMR) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बनाया है।
क्या फ्री में लगाई जाएगी वैक्सीन ?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन पूरे देश में फ्री में लगाई जाएगी। फिर डेढ़ घंटे बाद बोले कि पहले फेज में यह 3 करोड़ लोगों के लिए ही फ्री मिलेगी। इनमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीनेशन करने वाली टीम में 5 सदस्य होंगे।