मेरठ और दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद बन गया है वाहन काटने का बाजार, हजारों की कीमत पर लाखों के लग्जरी वाहन

खूबसूरत शहर दिल्ली और मेरठ के सोतीगंज के बाद जिला गाजियाबाद भी वाहनों की कटिंग का बाजार बनता जा रहा है। विजय नगर और लोनी में चार दिन के भीतर चोरी के वाहनों को काटने वाले 23 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है | इनके कब्जे से भारी मात्रा में चोरी हुए दोपहिया और चार पहिया वाहन बरामद किए गए हैं।
मेरठ और दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद बन गया है वाहन काटने का बाजार, हजारों की कीमत पर लाखों के लग्जरी वाहन

गाज़ियाबाद। खूबसूरत शहर दिल्ली और मेरठ के सोतीगंज के बाद जिला गाजियाबाद भी वाहनों की कटिंग का बाजार बनता जा रहा है। विजय नगर और लोनी में चार दिन के भीतर चोरी के वाहनों को काटने वाले 23 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है | इनके कब्जे से भारी मात्रा में चोरी हुए दोपहिया और चार पहिया वाहन बरामद किए गए हैं। जिसकी वास्तविक कीमत करोड़ों में है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही कुछ वाहन चोरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

मेरठ और दिल्ली में कटाई पर रोक

मेरठ के सोतीगंज और दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में पुराने कबाड़ वाहनों को काटने का काम किया गया. अधिकारियों के मुताबिक, पुराने वाहनों की आड़ में चोरी के वाहनों को वहां काट दिया जाता था, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने करीब पांच महीने पहले और चार महीने पहले दिल्ली के सुंदर नगरी में मेरठ में कटिंग बंद कर दी थी. अधिकारियों के सख्त रवैये को देखकर अवैध व्यापारी वहां से भाग गए।

मेरठ में शिकंजा कसा तो गाजियाबाद को बना दिया अड्डा

चोरी की गाडिय़ों को काटने के लिए व्यापारियों ने गाजियाबाद को चुना है। पुलिस ने 25 अक्टूबर को विजयनगर से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर 10 मोटरसाइकिल व अन्य सामान बरामद किया था. गिरोह को पिता-पुत्र चला रहे थे। उधर, पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रानिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र से 77 चार पहिया वाहन बरामद किए हैं.

लाख की गाड़ी हजार में

खून-पसीने की कमाई से खरीदी गई लाखों की कार की कीमत अवैध कारोबार के बाजार में हजारों में ही हो जाती है। ट्रानिका सिटी इंडस्ट्रियल एरिया में अवैध धंधा कर रहे देवेंद्र शर्मा ने पुलिस को बताया कि वह लग्जरी कारें महज 50 से 70 हजार रुपये में खरीदता था। इतने पैसे से वाहन चोर खुश हो जाते थे। उसने बताया कि वह फोन पर कोड लैंग्वेज में बात करता था। वह कार का सामान बुलाता था। वाहन चोर कहता था, माल ला रहा हूं। माल तैयार रखना

कार को काट दो

देवेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां दो तरह से कारोबार होता था। एक तो फैक्ट्री संचालक चोरी की गाडिय़ां खरीदते थे। अन्य वाहन चोर कार लाकर फैक्ट्री में कार के पुर्जों को अलग कर टेंपो में वापस ले जाते थे। वाहन चोर उन्हें फैक्ट्री इस्तेमाल करने के लिए 10 हजार रुपये देते थे। चोरी की गाडिय़ों को खरीदने में कबाड़ का अंबार लगा रहता है। इनकी दुकानें चोरी के वाहनों का कारोबार करती थीं। ट्रोनिका सिटी इंडस्ट्रियल एरिया से गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई. कुछ वाहन चोरों और चोरी के वाहनों को काटने वालों के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है। जल्द ही छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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