देश में फैले कोरोना महामारी के बीच गुरुवार को बीएसएफ ने बांग्लादेश की सीमा से भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर रहे एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार कर लिया. पश्चिम बंगाल के मालदा में प्रवेश करते समय चीनी नागरिक पकड़ा गया। देर शाम तक बीएसएफ, पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस चीनी नागरिक से पूछताछ करती रहीं।
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार चीनी नागरिक का नाम हान जुनवेई
(36 साल) बताया जा रहा है और वह चीन के हबेई प्रांत का रहने
वाला है. उसके पास से एक चीनी पासपोर्ट मिला है, जो इसी साल
फरवरी में जारी किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, चीनी नागरिक के
पास बांग्लादेश का वीजा है।
बीएसएफ के मुताबिक, विभिन्न एजेंसियां उससे करीबी से पूछताछ कर रही हैं
और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके भारत में अवैध प्रवेश के पीछे क्या मकसद है।
हालांकि अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।
बीएसएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चीनी नागरिक के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों
की गहन जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि वह किस चीनी खुफिया एजेंसी के लिए काम करता था। .
वहीं जांच में ये लगभग साफ हो गया है कि चीनी नागरिक, हान जुनवे एक जासूस है,
जो गलत इरादे से भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था उसके एक साथी को कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेरर स्कॉवयड (एटीएस) ने गिरफ्तार किया था. हान जुनवे खुद और उसकी पत्नी भी इस मामले में सह-आरोपी हैं.भारत में वांछित होने के चलते उसे भारत का वीजा नहीं मिल रहा था.पूछताछ में हान जुनवे ने खुलासा किया कि उसका साथी हर महीने भारत से 10-15 भारतीय सिम कार्ड चीन भेजता था. जुनवे ने ये भी बताया कि उसका गुरूग्राम में एक होटल है जिसमें कई दूसरे चीनी नागरिक कार्यरत हैं.
चीनी घुसपैठिए की तलाशी लेने पर उसके पास से चीनी पासपोर्ट, एक एप्पल लैपटॉप, 02 आईफोन मोबाइल, 01 बांग्लादेशी सिम, 01 भारतीय सिम, 02 चाइनीस सिम, 2 पेनड्राइव, 03 बैटरी, दो स्मॉल टॉर्च, 05 मनी ट्रांजैक्शन मशीन, 02 एटीएम कार्ड, अमेरिकी डॉलर, बांग्लादेशी टका और भारतीय मुद्रा बरामद हुई.
गिरफ्तार चीनी नागरिक भारत-बांग्लादेश सीमा पर मालदा जिले में सुल्तानपुर बीओपी के पास चोर सड़क से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करना चाहता था, लेकिन वहां तैनात बीएसएफ कर्मियों ने उसे पकड़ लिया। हालांकि उसने भागने की भी कोशिश की। पूछताछ में पता चला है कि वह साल 2010 में पहली बार हैदराबाद आया था। साल 2019 के बाद तीन बार दिल्ली-गुरुग्राम आया है। उससे मिला पासपोर्ट इसी साल यानी जनवरी से चीन के हुबेई प्रांत से जारी किया गया था।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल का मालदा इलाका सीमा-अपराध के लिए काफी कुख्यात है। सीमा पार से बड़ी संख्या में नकली नोट, ड्रग्स, मवेशी और हथियारों की तस्करी के अलावा मानव-तस्करी भी होती है। यही कारण है कि इस क्षेत्र को कभी मिनी-अफगानिस्तान के नाम से जाना जाता था। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए को मालदा से सटे फरक्का में अपना बेस बनाना पड़ा।
पिछले चार महीनों में यह दूसरी बार है जब चीनी नागरिकों को पश्चिम बंगाल में अवैध रूप से घूमते हुए पकड़ा गया है। इस साल मार्च के महीने में बागडोगरा हवाईअड्डे पर दो चीनी नागरिकों को फर्जी आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया था। दोनों चीनीनागरिक अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।