कान्वेंट स्कूल पर 8 बच्चों को ईसाई बनाने के लगे आरोप ,स्कूल में की गयी तोड़फोड़ पढ़ें विस्तार से

ईसाई मिशनरी यूँ तो आये दिन जगह - जगह आदिवासियों और अन्य समुदायों का अंध विश्वास ,झूठे इलाज और पैसों का लालच देकर उनका धर्मपरिवर्तन करने के मामलों में पकड़ी जाती रही हैं। लेकिन ताजा धर्म परिवर्तन से जुड़े आरोपों का मामला कान्वेंट स्कूल में बच्चों से जुड़ा है।
VIDISHA ST JOSEPH SCHOOLL
VIDISHA ST JOSEPH SCHOOLLCREDIT: NAIDUNIA

ईसाई मिशनरी यूँ तो आये दिन जगह - जगह आदिवासियों और अन्य समुदायों का अंध विश्वास ,झूठे इलाज और पैसों का लालच देकर उनका धर्मपरिवर्तन करने के मामलों में पकड़ी जाती रही हैं। लेकिन ताजा धर्म परिवर्तन से जुड़े आरोपों का मामला कान्वेंट स्कूल में बच्चों से जुड़ा है। जिसे लेकर स्कूल में बवाल भी हुआ और दोनों ओर से मुकदमे भी दर्ज कराये गए हैं।

मध्य प्रदेश का है मामला

मध्य प्रदेश के विदिशा के एक स्कूल में कथित धर्म परिवर्तन को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। आरोप है कि सेंट जोसेफ स्कूल में नारेबाजी, तोड़फोड़ और पथराव किया गया. घटना 6 दिसंबर 2021 (सोमवार) की है जब स्कूल में 12वीं की परीक्षा चल रही थी। आक्रोशित लोगों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, विश्व हिंदू परिषद ने किसी भी हिंसक घटना से इनकार किया है।

हिन्दू संगठनों ने लगाए हैं आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदू संगठनों ने 8 छात्रों का स्कूल के अंदर धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में प्रशासन को ज्ञापन भी दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। साथ ही तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ आईपीसी के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) भारत भूषण शर्मा ने मीडिया को यह जानकारी दी।

स्कूल प्रशासन ने उन पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। स्कूल के प्राचार्य ने इसे दो समुदायों के बीच दूरी बनाने की साजिश बताया। इस घटना के लिए उन्होंने इस खबर का श्रेय कुछ यूट्यूब चैनलों को दिया। कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग करते हुए झूठी खबर फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। स्कूल के मैनेजर ब्रदर एंथनी ने पुलिस पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक, ''मौके पर सिर्फ 2 पुलिसकर्मी मौजूद थे। धर्म परिवर्तन के आरोप पर हंगामा करने वाले 8 बच्चे हमारे स्कूल के छात्र नहीं थे।

विहिप ने हिंसा के आरोपों से किया इंकार

विश्व हिंदू परिषद ने हिंसा से इनकार करते हुए कहा कि स्कूल के अंदर कलावा पहनना प्रतिबंधित है। विहिप कार्यकर्ता नीलेश अग्रवाल के मुताबिक बच्चों को स्कूल में तिलक लगाने से रोका जाता है। दूसरे धर्म के बच्चों से दूसरे धर्मों के लिए प्रार्थना की जाती है। खासकर गरीब बच्चों को धर्म परिवर्तन के निशाने पर रखा जाता है। उन्होंने कहा कि हम एक सप्ताह से इसका विरोध कर रहे हैं।

डीएम से की गयी थी शिकायत

इस संबंध में अहिरवार समाज संघ ने 4 दिसंबर को विदिश डीएम से शिकायत की थी। इसमें कहा गया है कि 8 हिंदू बच्चों को पानी छिड़ककर ईसाई बनाया गया। स्कूल की आड़ में धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि एबीवीपी ने इस स्कूल के खिलाफ 2018 में प्रशासन से शिकायत की थी कि एक हिंदू छात्र को फीस न देने पर प्रताड़ित किया जा रहा है।

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